जब हम पुलिस को वर्दी में देखते हैं, तो अक्सर अनुशासन, कानून और कर्तव्य की छवि सामने आती है। लेकिन कभी-कभी यही वर्दी एक ऐसी संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल बन जाती है, जो समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है। ऐसी ही एक मिसाल हाल ही में चंद्रपुर में देखने को मिली, जब महिला ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी पल्लवी सदनवार ने न केवल अपने कर्तव्य का पालन किया, बल्कि एक नवजात बच्ची की जान बचाकर मानवता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
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घटना चंद्रपुर की है, जहाँ एक मात्र 15 दिन की नवजात बच्ची को अचानक खून की सख्त आवश्यकता पड़ी। अस्पताल में खून की कमी के कारण बच्ची की हालत गंभीर होती जा रही थी। ऐसे समय में जब हर क्षण महत्वपूर्ण था, चंद्रपुर ट्रैफिक पुलिस विभाग की महिला कर्मचारी पल्लवी सदनवार ने तत्काल आगे बढ़कर रक्तदान किया और बच्ची को नया जीवनदान दिया।
गौरतलब है कि ट्रैफिक पुलिस अपने नियमित ड्यूटी में तेज धूप, बारिश और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सड़क पर खड़ी रहकर जनता की सेवा करती है। लेकिन पल्लवी सदनवार ने दिखाया कि उनका सामाजिक दायित्व सिर्फ ट्रैफिक नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि जरूरतमंदों के लिए सहायता पहुँचाना भी उनके कर्तव्यों में शामिल है।
इस घटना के बाद ट्रैफिक शाखा में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के सामाजिक दायित्व के भाव को भी बल मिला है। पल्लवी सदनवार की इस मानवीय पहल की पूरे शहर में सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे और उन्हें ‘मानवता की मिसाल’ कह रहे हैं।
यह घटना सिर्फ एक रक्तदान की नहीं, बल्कि यह उस भावना की कहानी है जो यह बताती है कि वर्दी पहनने वाला हर इंसान दिल से समाज का रक्षक होता है। पल्लवी सदनवार जैसी महिलाएँ समाज में नारी शक्ति, संवेदना और सेवा भावना की सशक्त प्रतीक बनकर उभर रही हैं। यह घटना न केवल पुलिस विभाग बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी है।
यह हम सबके लिए एक सीख है – जब भी किसी को हमारी ज़रूरत हो, हमें बिना देर किए मदद के लिए आगे आना चाहिए।