अक्टूबर हिट की तरह ही चंद्रपुर की राजनीति भी अब तपने लगी है। रेकॉर्ड-तोड वोटों से जीतकर आने वाले निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार को हर राजनीतिक दल अपना बनाना चाहता है। लेकिन मुंबई-दिल्ली के नेताओं की इस चाहत को स्थानीय नेताओं द्वारा कड़ा विरोध हो रहा है। बीते दिनों विधायक जोरगेवार भाजपा में पक्ष प्रवेश करने वाले थे। परंतु पत्रकार परिषद में उन्होंने स्वयं ही यह घोषित कर दिया कि स्थानीय नेताओं का उनके पक्ष प्रवेश को लेकर विरोध है। अब विरोध की चिंगारियां कांग्रेस से फूटने लगी है। कल खबर आयी थी कि जोरगेवार राकांपा (शरद पवार गुट) में आज प्रवेश कर सकते हैं। अत: चंद्रपुर की सीट राकांपा को न जाने पाएं, इसके लिए स्थानीय कांग्रेस नेताओं की ओर से विरोध शुरू हो गया है। चंद्रपुर कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया है कि वे जिले की सभी 6 सीटों से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। वे अपना दावा छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं है। ऐसे में विधायक जोरगेवार की उम्मीदों पर पानी फिरने की आशंका है।
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चंद्रपुर के निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार ने “तुतारी” (राजनीतिक संकेत) पकड़ने के संकेत दिए थे। उनके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) में प्रवेश की अटकलें तेज थीं और चंद्रपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही थी। लेकिन अब कांग्रेस ने चंद्रपुर की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है और जोरगेवार के राष्ट्रवादी में प्रवेश पर तीखा विरोध भी किया है। यह विरोध न केवल कांग्रेस की तरफ से बल्कि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से भी देखा जा रहा है।
चंद्रपुर के कांग्रेस विधायक और जिला अध्यक्ष सुभाष धोटे ने जोरगेवार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पर वैसी स्थिति आई होती जैसी कि राष्ट्रवादी पर आई है, तो कांग्रेस ने अपने “ईमानदार सिपाही” को टिकट दिया होता। धोटे का यह बयान स्पष्ट रूप से जोरगेवार के राष्ट्रवादी प्रवेश पर एक तंज था। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस चंद्रपुर जिले की छह विधानसभा सीटों पर पूरी तरह से मजबूत है और सभी सीटें उनके कब्जे में हैं।
जोरगेवार के भाजपा में संभावित प्रवेश की अटकलें पहले से ही चल रही थीं, लेकिन अब उनके राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) से टिकट लेकर चुनाव लड़ने की संभावना पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। कांग्रेस के इस विरोध के बाद जोरगेवार का राष्ट्रीय पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ने का सपना टूटता हुआ दिख रहा है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले किशोर जोरगेवार का नाम भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दोनों से जुड़ा रहा है। जोरगेवार ने खुद कहा था कि अगर उन्हें राष्ट्रवादी (शरद पवार गुट) से चंद्रपूर विधानसभा सीट का टिकट मिलता है, तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। जयंत पाटील द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने का भी उन्होंने संकेत दिया था। लेकिन अब महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने अपना दावा ठोक दिया है, जिससे जोरगेवार की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
कांग्रेस के धोटे ने स्पष्ट कर दिया कि चंद्रपूर की सभी छह विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास रहेंगी और उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर ऐसी स्थिति आती, तो कांग्रेस अपने ही किसी ईमानदार कार्यकर्ता को मौका देती, न कि बाहरी उम्मीदवार को। धोटे के इस बयान से महाविकास आघाड़ी के भीतर सीट बंटवारे को लेकर दरार की स्थिति बन रही है।
स्थिति का भविष्य:
जैसे-जैसे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे महाविकास आघाड़ी में सीटों को लेकर खींचतान बढ़ रही है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट), और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे की चर्चा तेज हो रही है। अगर इस विवाद को हल नहीं किया गया, तो महाविकास आघाड़ी में बड़ी टूट की संभावना हो सकती है, जिसका लाभ विपक्षी भाजपा को मिल सकता है।