वोट बटोरने के लिए नेतागण न जाने क्या-क्या युक्तियां लड़ाते हैं? बच्चों के माध्यम से उनके अभिभावकों को रिझाने की राजनीतिक दलों की युक्ति कोई पुरानी नहीं है। लेकिन इस बार भाजपा की यह युक्ति प्रखर आलोचना का शिकार बन रही है। मामला है गोंडपिपरी का। यहां के व्यापारी संगठन के व्यापारियों के बच्चों को तान्हा पोले के अवसर पर गिफ्ट देने की सामाजिक मंशा पर राजनीति ने वोटों के चाहत की कालिख पोत दी। गोंडपिपरी व्यापारी संगठन के फैसला धरा का धरा ही रह गया और मिस्टर ‘दादा’ ने व्यापारियों के बच्चों को दिये जा रहे मैथमेटिकल ड्राइंग इन्स्ट्रूमेंट अर्थात कंपॉस पर अपना राजनीतिक परिचय और फोटो चिपकाकर तमाम व्यापारियों को घुटनों के बल झूका दिया।
Whatsapp Channel |
बताया जाता है कि गोंडपिपरी व्यापारी संगठन के माध्यम से गोंडपिपरी शहर में हर साल बड़े ही उत्साह से तान्हा पोला मनाया जाता है। बीते 20 वर्षों से यह परंपरा निरंतर जारी है। लेकिन इतने वर्षों में कभी भी तान्हा पोला के आयोजन में राजनीति ने घुसपैठ नहीं किया। या यूं कहे कि राजनीतिक दलों के नेताओं ने वोटों की चाह में घुसपैठ करने की हिम्मत नहीं की। परंतु इस बार के तान्हा पोला के कार्यक्रम में भाजपा के राजुरा विधानसभा प्रमुख देवराव भोंगले का प्रचार करने वाले कंपॉस को नन्हें बच्चों में बांटा गया। इसके पूर्व ही स्थानीय व्यापारी संगठन ने अपने बैठक में इस संदर्भ में विरोध दर्शाया था। बैठक में बहुमत से यह तय करते हुए फैसला लिया गया था कि तान्हा पोला कार्यक्रम में किसी भी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये। सभी व्यापारियों के इस फैसले के बावजूद भाजपा नेता भोंगले ने बाजी मार ली। इसके चलते अनेक व्यापारियों में तीव्र रोष पनप रहा है। खासकर गोंडपिपरी के साईं मशिनरी के संचालक और आर्य वैश्य कोमटी समाज तहसील गोंडपिपरी के अध्यक्ष अजय पद्माकर माडूरवार ने अपनी नाराजगी और रोषपूर्ण प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इसके बाद तो मानो राजनीतिक भूचाल ही आ गया है। तमाम राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, व्यापारियों, पत्रकारों, प्रतिष्ठित नागरिकों में माडूरवार के ही पोस्ट और आलोचना की चर्चा हो रही है। इससे गोंडपिपरी का राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है।
विधानसभा चुनावों के मुहाने पर इस तरह की हरकत से भाजपा नेता व राजुरा विधानसभा प्रमुख, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा चंद्रपुर जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष देवराव भोंगले की सर्वत्र आलोचना होने लगी है। उनके विधायक बनने का सपना इस हरकत से दरकने लगा है।
ज्ञात हो कि अभी हाल ही में रक्षाबंधन के पर्व पर सैंकड़ों महिलाओं को टिफिन उपहार देने का लालच देकर गोंडपिपरी के एक सभागृह में बुलाया गया। पश्चात सभागृह का मुख्य द्वार बंद कर उन्हें बंधक की तरह अंदर से बाहर निकलने नहीं दिया गया। और अचानक से अनिच्छुक महिलाओं के गले में भी भाजपा का दुपट्टा डालकर पक्ष प्रवेश की तरह दर्शाने की कोशिश की गई थी। यह मामला एक मराठी अखबार ने उजागर किया तो दादा की काफी बदनामी हुई थी।
बहरहाल तान्हा पोला में भाजपा की ओर से की गई हरकत की सर्वत्र आलोचना हो रही है। िनयोजन बैठक के दौरान लिया गया फैसला हवा में फुर्र हो गया। जब भाजपा नेता देवराव भोंगले की तस्वीर चस्पे हुए कंपाॅस नन्हें बच्चों को बांटे जा रहे थे तो यह कम पड़ गये। जिन्हें कंपॉस नहीं मिला, उन्हें कूपन बांटे गये। इन कूपन को कार्यालय में लाकर दिखाने पर कंपॉस देने का दावा किया गया। इन सभी हरकतों से खुद्दार व्यापारियों के मन में रोष निर्माण हुआ। धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को राजनीति से दूर रखने की चाहत संजोने वाले व्यापारियों की प्रतिक्रिया अब तीव्र रूप ले रही है। साईं मशिनरी के संचालक अजय माडूरवार की ओर से सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट और उसमें व्यक्त किया गया रोष इन सभी बातों का परिचायक है। इसका दूरगामी असर आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट प्रतिशत पर दिखाई पड़ सकता है। व्यापारियों की ओर से किया जा रहा निषेध यशिकार ‘दादा’ के लिए कंपॉस के कांटों की तरह चूभ रहा होगा।