विकास के गगनभेदी वादे और घोषणाएं शायद बाढ़ के पानी में बह गए हैं, यह सवाल उठना स्वाभाविक है जब महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के विधानसभा क्षेत्र की भयावह स्थिति सामने आई है।
Whatsapp Channel |
एक तरफ जिले में बाढ़ की स्थिति बन गई है, जिससे कई गांवों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ पोंभुर्णा तालुका अंतर्गत आनेवाले पंद्रह गांवों के हजारों नागरिकों को प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। इन गांवों के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
गांवों को पानी आपूर्ति करने वाली योजना का बिजली बिल बकाया होने के कारण महावितरण ने विद्युत आपूर्ति बंद कर दी है। यह योजना तीस करोड़ रुपये खर्च करके बनाई गई थी, लेकिन अब पंद्रह गांवों के नलों में पानी पूरी तरह से सूख गया है। पोंभुर्णा तालुका के वेळवा की पानी आपूर्ति योजना पिछले एक महीने से बंद पड़ी है, जिससे इन पंद्रह गांवों की प्यास बुझाई जाती थी।
हाल ही में आई बाढ़ के कारण नदी का पानी गंदा और दूषित हो गया है। दूषित पानी पीने से संक्रामक बीमारियाँ फैल रही हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा पानी न पीने की अपील की है। लेकिन टोक गांव के निवासियों के पास दूषित पानी पीने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। परिणामस्वरूप, दस्त, उल्टी, टाइफाइड, गैस्ट्रो जैसी बीमारियाँ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने से पहले पीने के पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए, यह नागरिकों की मांग है। ऐसी स्थिति में गांववासियों की समस्याएं और बढ़ गई हैं, और विकास के दावों पर सवाल उठने लगे हैं।
अब तक हमें यह योजना हस्तांतरित नहीं की गई है। इसलिए, हम पानी कर वसूली नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण से बिजली बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिला ग्रामीण पानी आपूर्ति विभाग और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण से अनुरोध है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें और तुरंत पानी आपूर्ति योजना शुरू करें। –ग्रामपंचायत वेळवा के सरपंच जितेंद्र मानकर
बारिश के मौसम में 15 गांवों में पानी की आपूर्ति बंद है। महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। दूषित पानी पीने से डायरिया जैसे रोग हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन इन 15 गांवों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। प्रशासन को तुरंत बिजली बिल का भुगतान करके पानी आपूर्ति योजना शुरू करनी चाहिए। अन्यथा, इन 15 गांवों के नागरिकों को लेकर हम बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। –शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पोंभूर्णा के तालुका प्रमुख आशिष कावटवार
वर्तमान में यह योजना हस्तांतरित नहीं हुई है। इसलिए पानी कर वसूली नहीं हो पाई है, जिसके कारण बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं हो सका है। लेकिन इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है। जल्द ही बकाया बिजली बिल पर समाधान निकाला जाएगा। –जिला ग्रामीण पानी आपूर्ति विभाग के उप अभियंता विलाश भंडारी
टोक में पीने के पानी की बड़ी समस्या है। बाढ़ हो या कुछ और, हमें नदी से दूषित पानी लाकर ही अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। इसलिए गांव में तुरंत जलशुद्धीकरण संयंत्र लगाकर शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए। -दिवाकर देऊरघरे, नागरिक, टोक