महाराष्ट्र के विवादास्पद 🔍प्रशांत कोरटकर, जो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद फरार हो गया था, उसके छिपने और भागने में मदद करने वालों पर कोल्हापुर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। पुलिस ने नागपुर के प्रशिक पडवेकर सहित पांच लोगों को नोटिस जारी किया है और उन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
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चंद्रपुर के होटल में मिली थी शरण
कोरटकर के खिलाफ मामला दर्ज होते ही वह नागपुर से भाग निकला और चंद्रपुर के🔍 होटल सिद्धार्थ प्रीमियर में छिपकर रहने लगा। हैरानी की बात यह है कि यह होटल 🔍चंद्रपुर पुलिस मुख्यालय के ठीक सामने स्थित है। सूत्रों के अनुसार, फरारी के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने कोरटकर से मुलाकात की और उसे सुरक्षा देने में मदद की।
तेलंगाना भागने में की गई मदद
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि नागपुर के🔍 प्रशिक पडवेकर, धीरज चौधरी, हिफाजत अली, राजेंद्र जोशी और साईराज पेंटकर ने कोरटकर को चंद्रपुर में छिपाने में मदद की। इतना ही नहीं, उन्होंने उसे 🔍तेलंगाना भागने के लिए गाड़ी, पैसे और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराईं। इसी आधार पर पुलिस ने इन पांचों को नोटिस जारी कर दिया है। यदि जांच में उनका सीधा जुड़ाव साबित हुआ, तो उन्हें सह-आरोपी बनाया जा सकता है।
कोरटकर की लग्जरी कार जब्त
कोल्हापुर पुलिस ने नागपुर में छापा मारकर कोरटकर की एक आलीशान कार जब्त की है। इसके अलावा, उसके दोस्त धीरज चौधरी की कार भी पुलिस ने कब्जे में ले ली है। जांच में सामने आया है कि कोरटकर ने अपनी फरारी के दौरान इन कारों का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने दोनों वाहनों का पंचनामा कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख दिया है।
पुलिस अधिकारी पर भी गिर सकती है गाज
सबसे सनसनीखेज पहलू यह है कि एक🔍 पुलिस अधिकारी की निजी कार भी कोरटकर के उपयोग में थी। यह अधिकारी होटल में कोरटकर की सेवा में लगा रहता था। चर्चा यह भी है कि कोरटकर ने इस अधिकारी को तबादले और विभागीय जांच से बचाने का लालच दिया था। इस अधिकारी की भी जांच किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
कोल्हापुर पुलिस अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और फरारी में मदद करने वाले अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। इस खुलासे से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और कई बड़े नामों पर भी गाज गिर सकती है।