चंद्रपुर से फरार चल रहा विवादित प्रशांत कोरटकर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बीते एक महीने से पुलिस को चकमा देकर भाग रहा कोरटकर आखिरकार तेलंगाना में गिरफ्तार कर लिया गया। चंद्रपुर पुलिस की महत्वपूर्ण सूचना के आधार पर कोल्हापुर पुलिस ने उसे सोमवार को धर दबोचा। कोरटकर की गिरफ्तारी में चंद्रपुर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अहम साबित हुई।
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कोरटकर का आपराधिक इतिहास
प्रशांत कोरटकर पर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने और इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। इस वजह से उसके खिलाफ कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज थे, लेकिन वह लगातार पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था।
होटल में छिपा था कोरटकर, फिर हुआ फरार!
कोर्ट से अग्रिम जमानत न मिलने से कोरटकर चंद्रपुर के होटल सिद्धार्थ प्रीमियर में रुका था। 11 मार्च की रात 10:30 बजे उसने होटल में एंट्री ली थी। दिलचस्प बात यह है कि होटल में उसके रुकने की व्यवस्था ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाज धीरज चौधरी ने की थी। उसके साथ प्रशिक पडवेकर नाम का एक शख्स भी मौजूद था।
चंद्रपुर पुलिस को जैसे ही भनक लगी कि कोरटकर इसी होटल में ठहरा हुआ है, उन्होंने होटल में दबिश दी। वहां से पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए और होटल स्टाफ से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस को पता चला कि कोरटकर महिंद्रा XUV 700 गाड़ी में बैठकर तेलंगाना की ओर भाग निकला है। इस जानकारी को तुरंत कोल्हापुर पुलिस से साझा किया गया, जिससे पुलिस ने कोरटकर की तलाश शुरू कर दी।
आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आया कोरटकर
चंद्रपुर पुलिस ने कोरटकर के भागने के पूरे रूट की जांच की। रास्ते में पड़ने वाले लक्कड़कोट टोल नाके और हैदराबाद हाईवे पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। हर एक सुराग को जोड़ते हुए पुलिस आखिरकार कोरटकर तक पहुंच गई। सोमवार दोपहर, कोल्हापुर पुलिस ने तेलंगाना में उसे गिरफ्तार कर लिया।
भागने में मदद करने वाला पुलिस अधिकारी कौन?
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि कोरटकर को भागने में किसने मदद की? चंद्रपुर के जिस होटल में वह ठहरा हुआ था, वहां उससे एक पुलिस अधिकारी मिलने आया था। क्या उसी अधिकारी ने कोरटकर को भागने में मदद की? यह एक बड़ा रहस्य बन गया है, जिसकी जांच चंद्रपुर पुलिस अब करने वाली है।
जिसने शरण दी, उसी ने गिरफ्तारी करवाई!
गौर करने वाली बात ये है कि कोरटकर की गिरफ्तारी में सट्टेबाज धीरज चौधरी की भूमिका भी अहम रही। पहले तो उसने कोरटकर को अपने होटल में शरण दी, लेकिन बाद में पुलिस पूछताछ में वही चौधरी पुलिस को कोरटकर के ठिकाने के बारे में बताने पर मजबूर हो गया। इस तरह, जो व्यक्ति कोरटकर की मदद कर रहा था, वही उसकी गिरफ्तारी की वजह बना!
अब देखना दिलचस्प होगा कि कोरटकर से और कौन-कौन जुड़े हुए हैं और पुलिस उसे आगे किन मामलों में घेरती है।