Chandrapur Assembly Elections : कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं की उत्सुकता और चर्चा का विषय यह बन रहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद जब सांसद प्रतिभा धानोरकर ने ब्रम्हपुरी में जाकर अल्पसंख्यक के बजाय ओबीसी उम्मीदवार देने का विवादित बयान दिया था तो कांग्रेस के विरोधी दल नेता और सांसद धानोरकर के बीच की खाई स्पष्ट नजर आ गई थी। इसके बाद लंबे समय तक मनमुटाव का दौर चला। अब फिर एक बार दोनों नेता एक ही मंच पर नजर आये। इस बार महायुति को निशाने पर लेते देख कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। चंद्रपुर विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण पडवेकर के प्रचार के दौरान आयोजित सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने भाजपा और एकनाथ शिंदे की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता अब ‘पन्नास खोके’ (पचास करोड़ रुपये) की चाहत में नहीं दौड़ेगा, बल्कि गांधीजी के विचारों पर अडिग रहेगा।
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वडेट्टीवार का कहना था कि महाराष्ट्र सरकार के नेताओं ने विपक्षी दलों के विधायकों को अपनी ओर लुभाने के लिए मोटी रकम दी है, जिसमें प्रति विधायक 50 करोड़ रुपये तक दिए गए हैं। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र की राजनीति में पैसे के लेन-देन और खरीद-फरोख्त की बातें हो रही हैं।
विजय वडेट्टीवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि कांग्रेस का कार्यकर्ता सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर चलता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता पैसों के लालच में अपने विचारों से समझौता नहीं करेगा।
इस मौके पर चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर भी मंच पर मौजूद थीं। वडेट्टीवार ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मौजूदा शिंदे और फडणवीस सरकार ने भ्रष्टाचार की सीमाएं पार कर दी हैं और पैसों का अंधाधुंध उपयोग कर रही है। उनके मुताबिक, महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहे इस ‘पैसों के धुएं’ में जनता की वास्तविक समस्याएं और मुद्दे दब कर रह गए हैं।
वडेट्टीवार के इस बयान के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा सकते हैं। वर्तमान में महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच विचारधारा और सत्ता के लिए संघर्ष अपने चरम पर है। जहां एक तरफ वडेट्टीवार ने कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास पैदा करने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार पर तंज कसते हुए सीधे तौर पर जनता के बीच एक संदेश भी दिया है कि भाजपा और शिंदे गुट पैसे की राजनीति कर रहे हैं।
कांग्रेस अब गांधीवादी विचारधारा और सच्चाई का संदेश देकर चुनाव में जनता का विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है।