Corruption in Chandrapur Municipal Corporation: चंद्रपुर शहर में पहले से ही 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई भूमिगत गटर योजना के बावजूद, नगर निगम द्वारा 450 करोड़ रुपये की नई भूमिगत गटर योजना के लिए निविदा जारी की गई। यह ठेका मनमाने तरीके से 506 करोड़ रुपये में एक पसंदीदा ठेकेदार को दिया गया। पहले की अमृत योजना के तहत अधूरे छोड़े गए कार्यों और अनुबंध उल्लंघन करने वाले ठेकेदार की सभी भुगतान मंजूर कर दी गईं और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही नहीं, शेष कार्यों को नगर निगम ने स्वयं के खर्च पर पूरा किया।
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100 करोड़ रुपये के कचरा संकलन योजना को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया, लेकिन निविदा प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के लिए दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
भ्रष्टाचार उजागर, फिर भी कार्रवाई नहीं!
जनविकास सेना द्वारा कई भ्रष्टाचारों का पर्दाफाश किए जाने के बावजूद, जिला प्रशासन और सरकार चुप क्यों है? नगर निगम में हो रहे घोटालों को उजागर करने के बाद भी दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? क्या प्रशासन और सरकार जानबूझकर इन भ्रष्टाचारों को नजरअंदाज कर रही है?
भ्रष्टाचार में नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
नगर निगम में हो रहे घोटालों और अनियमितताओं को लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि विधानसभा या लोकसभा में आवाज क्यों नहीं उठा रहा? केंद्र सरकार की अमृत योजना में हुए घोटालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। नगर निगम के फंड की इस खुली लूट को रोकने के लिए शासन को क्यों बाध्य नहीं किया जा रहा?
पूर्व नगरसेवक और जनविकास सेना के संस्थापक अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी मुद्दों को उठाया। उन्होंने बताया कि चंद्रपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले ‘आका’ (मास्टरमाइंड) और उन्हें बचाने वाले ‘आका के आका’ (प्रभावशाली नेता और अधिकारी) इसके लिए जिम्मेदार हैं। यही लोग भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने देते।
जनसंघर्ष अभियान की शुरुआत
नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जनविकास सेना ने ‘जनसंघर्ष अभियान’ शुरू करने का ऐलान किया है। इस अभियान की शुरुआत बुधवार, 12 फरवरी 2025 से की जाएगी।
भ्रष्ट अधिकारियों के घमंड को तोड़ने की चेतावनी
नगर निगम में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाने वाली जनविकास सेना को प्रशासन ने मंडप और होर्डिंग लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहीं, मुख्यमंत्री के आगमन पर अवैध बैनर लगाए जाने पर सवाल उठाने पर उपायुक्त खवले ने अहंकारपूर्ण जवाब दिया। जब बीजेपी कार्यकर्ता के नाम पर नकली अनुमति मांगी गई, तो कर्मचारियों बोधनकर और नागोसे ने एक घंटे के भीतर बैनर और मंडप की अनुमति दे दी।
पप्पू देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज़ और ऑडियो क्लिप भी पेश किए। उन्होंने बताया कि आंदोलन करने वालों के खिलाफ फर्जी शिकायतें दर्ज कराने तक की साजिश रची जा रही है।
अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तो जनता करेगी संघर्ष
जनविकास सेना ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को इस भ्रष्टाचार की लिखित जानकारी दी है। यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो जनविकास सेना भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के घमंड को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
इस अवसर पर जनविकास सेना के प्रमुख नेता घनश्याम येरगुडे, इमदाद शेख, नितिन बनसोड, कुशाबराव कायरकर, सुभाष पाचभाई, प्रफुल बैरम, अमोल घोडमारे, आकाश लोडे, गितेश शेंडे, सतीश घोडमारे, मनीषा ताई बोबडे, स्नेहल चौथाले, अरुणा महातळे, मेघा मगरे, अरुणा मांदाडे सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।