- लाल चंदन: करोड़ों की कीमत वाला अनमोल पेड़
- ताडोबा के वनक्षेत्र में मौजूद हैं तीन विशेष लाल चंदन के पेड़
- पुष्पा फिल्म के बाद लाल चंदन का बढ़ा आकर्षण
Tadoba के जंगल में मौजूद लाल चंदन के यह पेड़ न केवल वन क्षेत्र की समृद्धि को दर्शाते हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का नया केंद्र भी बन गए हैं। इन पेड़ों को सुरक्षित रखना और उनकी महत्ता को जन-जन तक पहुंचाना वन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी बन गई है।
दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार Allu Arjun की सुपरहिट फिल्म “पुष्पा” का दूसरा भाग “पुष्पा 2” 5 दिसंबर को रिलीज हुआ और इसके चर्चित संवाद, “पुष्पा नाम सुनके फ्लॉवर समझे क्या? फ्लॉवर नहीं, फायर है मैं”, ने दर्शकों के बीच धूम मचा दी है। फिल्म की कहानी लाल चंदन की तस्करी पर आधारित है, जिसने इस दुर्लभ और बहुमूल्य पेड़ को चर्चा में ला दिया है।
Whatsapp Channel |
लाल चंदन और ताडोबा का कनेक्शन
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के मोहर्ली वनक्षेत्र में भी ऐसे तीन दुर्लभ लाल चंदन के पेड़ मौजूद हैं। यह जानकारी मोहर्ली वनक्षेत्र के अधिकारी संतोष थिपे ने दी। उनका कहना है कि इन पेड़ों की विशेष देखभाल की जाती है। ताडोबा के जंगलों में लाल चंदन का यह पेड़ वर्षों से मौजूद है, लेकिन इसकी जानकारी अब जाकर पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच फैल रही है।
क्या है लाल चंदन की खासियत?
लाल चंदन, जिसे “Red sandalwood” के नाम से भी जाना जाता है, बेहद दुर्लभ और कीमती है। इसकी कीमत करोड़ों में आंकी जाती है। पुष्पा फिल्म के बाद से यह वृक्ष अधिक चर्चा में आया, जिससे इसकी मांग और आकर्षण और भी बढ़ गया है। ताडोबा के इन पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन पर नाम लिखे गए हैं और एक विशेष चबूतरा भी बनाया गया है।
पर्यटकों के बीच बढ़ा आकर्षण
ताडोबा जंगल में बाघों के साथ अब यह लाल चंदन का पेड़ भी पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बन गया है। पर्यटक यहां आने पर इस दुर्लभ वृक्ष को देखने की मांग करते हैं। पुष्पा फिल्म की लोकप्रियता ने लाल चंदन को जिस तरह से चर्चा में लाया, उसके बाद ताडोबा आने वाले लोगों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है।
वन विभाग की भूमिका
संतोष थिपे ने बताया कि ताडोबा में लाल चंदन का यह पेड़ लंबे समय से मौजूद है। इसकी देखभाल में वन विभाग कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि ताडोबा में भी लाल चंदन के वृक्ष हैं। अब इस जानकारी के फैलने के बाद वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के बीच इसकी प्रसिद्धि बढ़ गई है।
पुष्पा के कारण बढ़ी जागरूकता
पुष्पा फिल्म ने लाल चंदन की तस्करी और उसकी महत्ता को बड़े पर्दे पर दिखाकर जागरूकता बढ़ाई है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि लोगों को इस दुर्लभ और महंगे वृक्ष के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।