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रेलवे गेट बना घुग्घुस वासियों के लिए मुसीबत, कछुआ गति से चल रहा फ्लाईओवर निर्माण
- राजनीतिक बैनरों की चकाचौंध, जनता की परेशानी से बेखबर नेता
- 24 घंटे में कई बार बंद होता रेलवे गेट, लंबी कतारों में फंसे मरीज और राहगीर
- एम्बुलेंस भी जाम में फंसी, मरीजों की जान पर बन रही बात
- औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों, ट्रक और भारी वाहनों की बढ़ी मुसीबत
- फ्लाईओवर निर्माण की धीमी रफ्तार से जनता त्रस्त, जल्द समाधान की मांग
- रेलवे गेट बना शहरवासियों के लिए मुसीबत, मरीजों की जान पर बन रही आफत
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कछुआ गति से चल रहा फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण, जनता को रोजाना झेलनी पड़ रही परेशानी
Railway Gate Becomes a Nightmare for Ghugus Residents, Posing a Threat to Patients’ Lives: घुग्घुस शहर के मध्य स्थित रेलवे गेट आम जनता के लिए जी का जंजाल बन चुका है। इस गेट के बार-बार बंद होने से शहरवासियों, राहगीरों, उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों और भारी वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर, जब यह रेलवे गेट बंद होता है, तो एम्बुलेंस और मरीजों को चंद्रपुर के अस्पतालों तक पहुंचने में देरी होती है, जिससे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
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रेलवे गेट से बाधित हो रही यातायात व्यवस्था
शहर से गुजरने वाले राज्य महामार्ग क्रमांक 7 पर चंद्रपुर, वणी और यवतमाल की ओर जाने वाले वाहनों की भारी आवाजाही होती है। कोयला परिवहन करने वाले सैकड़ों भारी वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है।
फ्लाईओवर का कार्य धीमी गति से, जनता हो रही परेशान
रेलवे गेट के समाधान के लिए फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पिछले दो वर्षों से चल रहा है, लेकिन इसकी कछुआ गति के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। कई बार इस गेट पर दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, जिसमें लोग घायल भी हुए हैं।
मरीजों और एम्बुलेंस के लिए बना बाधा
यह रेलवे गेट राजीव रतन अस्पताल के ठीक पास स्थित है, और मरीजों को समय पर बड़े अस्पताल मे ले जाना भी मुश्किल हो रहा है साथ ही उपचार नहीं मिल पा रहा। जब गेट बंद होता है, तो एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों को लंबा इंतजार करना पड़ता है, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है।
जनता की मांग – जल्द हो फ्लाईओवर का निर्माण पूरा
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस रेलवे गेट की समस्या से जल्द निजात दिलाई जाए और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाए ताकि जनता को राहत मिल सके। प्रशासन की अनदेखी से जनता त्रस्त है और जल्द समाधान की मांग कर रही है।