चंद्रपुर शहर इन दिनों खुदाई के नाम पर हो रही “कमाई” को लेकर सुलग रहा है। भूमिगत गटर योजना के 506 करोड़ रुपये के खेल ने शहर की सड़कों के साथ-साथ जनता के सब्र को भी तार-तार कर दिया है। शनिवार को गांधी चौक पर जनविकास सेने ने एक ऐसा विरोध प्रदर्शन किया जिसने प्रशासन की चूलें हिला दीं।
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“मेन रोड तो झांकी है, पूरा शहर खोदना बाकी है!” – इस तल्ख नारे के साथ सेने के कार्यकर्ताओं ने 🔍मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल की सरकारी कार पर नकली नोटों की बौछार कर दी। नेतृत्व कर रहे थे जनविकास सेने के संस्थापक और पूर्व नगरसेवक 🔍पप्पू देशमुख, जो एक लाल ब्रिफकेस में भरकर नकली नोटें लाए थे – प्रतीक था उन करोड़ों के घोटालों का, जो गटर की खुदाई में दफन हो रहे हैं।
“506 करोड़ का गटर, पर शहर फिर भी बदहाल”
देशमुख का आरोप है कि यह योजना महज एक ‘कमिशन योजना’ बन गई है – अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का जरिया। उन्होंने कहा, “केवल मेन रोड नहीं, पूरा 🔍चंद्रपुर खुदाई के नाम पर कब्रिस्तान बन जाएगा।”
15 साल पुरानी गटर योजना, 100 करोड़ का कोई हिसाब नहीं!
सेने ने सवाल उठाया कि जब 15 साल पहले 100 करोड़ की गटर योजना बनाई गई थी, तो उसका क्या हुआ? 234 करोड़ की अमृत जल योजना, मनपा के अन्य घोटाले – सबकी मांग की जा रही है SIT जांच से।
“सबूत दिए, लेकिन चुप्पी नहीं टूटी!”
देशमुख का दावा है कि उन्होंने खुद राज्य सरकार को करोड़ों के घोटालों के ठोस सबूत सौंपे। कुछ टेंडर तो रद्द हुए, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई।
“महा-स्वाक्षरी अभियान” – एक लाख चिट्ठियां जाएंगी मुख्यमंत्री को
सेने ने शनिवार से ‘महा-स्वाक्षरी अभियान’ शुरू किया। दुकानों, गलियों और चौराहों पर लगे हस्ताक्षर स्टॉल्स में पहले ही दिन 1000 से ज्यादा लोगों ने समर्थन जताया। देशमुख ने एलान किया – “हम एक लाख हस्ताक्षरों के साथ मुख्यमंत्री फडणवीस को चिट्ठी भेजेंगे।”
“चुप रहोगे तो गटर ही गटर मिलेगा” – देशमुख की चेतावनी
उन्होंने साफ कहा – “जनता की जान से जो भी खिलवाड़ करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। आंदोलन सिर्फ शुरू हुआ है, अब पूरे शहर में पदयात्रा और नुक्कड़ सभा होगी।”
चंद्रपुर पूछ रहा है – गटर में बहा 506 करोड़, लेकिन पानी अब भी सड़कों पर क्यों?
क्या खुदाई के नीचे दब रही है सच्चाई?
जनता अब चुप नहीं बैठेगी!