आमदार सुभाष धोटे पर सीधा निशाना, उम्र पर टिप्पणी करने वालों को स्पर्धा के लिए किया आमंत्रित
राजुरा विधानसभा क्षेत्र में वामनराव चटप एक लंबे समय से प्रमुख चेहरे रहे हैं। वे कई वर्षों से इस क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और अब एक बार फिर से विधानसभा चुनावों के मैदान में हैं। हालांकि, उनकी उम्र को लेकर विरोधियों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन चटप ने विरोधियों को करारा जवाब दिया है और उनकी टिप्पणी ने वहां उपस्थित लोगों को हंसी में डाल दिया।
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चटप ने कहा, “आमदार सुभाष धोटे मुझसे सात महीने बड़े हैं। यदि वे चुनाव लड़ सकते हैं, तो मैं उनसे उम्र में छोटा हूं, फिर मेरे बारे में ही सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?” इस तरह से उन्होंने विरोधियों के आरोपों पर कटाक्ष किया।
विधानसभा चुनावों का समीकरण:
राज्य में इस समय विधानसभा चुनावों का माहौल है, जहां महायुती और महाविकास आघाड़ी के साथ-साथ बच्चू कडू, राजू शेट्टी और अन्य किसान संगठनों का भी गठबंधन चुनाव में हिस्सा ले रहा है। इस गठबंधन की तरफ से वामनराव चटप राजुरा विधानसभा से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चटप ने इन बातों को रखा।
सुभाष धोटे को सीधी चुनौती:
वामनराव चटप ने तीन बार राजुरा विधानसभा का नेतृत्व किया है और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास में किए गए कार्यों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास राजुरा क्षेत्र के 472 गांवों की पूरी जानकारी है। चटप ने मौजूदा विधायक सुभाष धोटे को चुनौती दी कि वे किसी भी गांव के चौराहे पर मिलें और बिना किसी सहायता के गांवों की सूची बनाएं। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सही है।
उन्होंने कहा, “जो लोग उम्र की बात कर रहे हैं, उन्हें हमारे साथ दौड़ या पैदल चलने की प्रतियोगिता करनी चाहिए। हम पूरी तरह से तैयार हैं।” इस अवसर पर उनके साथ दीपक चटप, प्रफुल आस्वले और अन्य सहयोगी भी उपस्थित थे।
भाजपा तीसरे स्थान पर:
चटप ने यह भी स्पष्ट किया कि राजुरा विधानसभा में लड़ाई मुख्य रूप से कांग्रेस और किसान संगठनों के बीच होगी। उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा किसी को भी उम्मीदवार बनाए, वह तीसरे स्थान पर ही रहेगी। उन्होंने महायुती सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस गठबंधन ने राज्य का बुरा हाल कर दिया है।
चटप ने कहा कि आज जो कई नेता महायुती या महाविकास आघाड़ी में हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री पद का आनंद लिया है, लेकिन राज्य के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने यह भी बताया कि विदर्भ का विभाजन और किसानों का कल्याण उनके मुख्य एजेंडे में शामिल हैं।
सर्वधर्मसमभाव का राजनीति:
वामनराव चटप ने 43 वर्षों से राजनीति में सक्रिय रहते हुए सभी धर्मों और जातियों के प्रति समभाव रखने की नीति अपनाई है। लेकिन हाल ही में कुछ लोग उन पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगा रहे हैं, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज किया। चटप ने कहा कि उनकी संगठन में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग काम कर रहे हैं और उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय विरोधी गंदा राजनीति कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएं:
वामनराव चटप ने कहा कि उनका इरादा राजुरा विधानसभा क्षेत्र के 10 प्रमुख गांवों में अत्याधुनिक सुविधाओं वाली अध्ययनशालाएं स्थापित करने का है, जिनका नाम विभिन्न महापुरुषों के नाम पर रखा जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने “ड्रैगन पैलेस” की तर्ज पर राजुरा क्षेत्र में एक बड़ा धम्म केंद्र स्थापित करने का वादा किया।
चटप ने यह भी वादा किया कि वे मजदूरों और कामगारों के न्यूनतम वेतन के मुद्दे, और कपास, सोयाबीन व धान जैसी फसलों पर प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के जरिए किसानों की बेहतरी के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।
यह राजनीतिक बयान और योजनाएं विधानसभा चुनावों में चटप की दिशा और प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।