एक समय शांत और सलोख्यापूर्ण माहौल के लिए प्रसिद्ध चंद्रपुर जिला अब अपराध की गिरफ्त में नजर आ रहा है। कभी हरे-भरे ताडोबा के जंगलों और कोयला खदानों के लिए पहचाने जाने वाले इस जिले में अब हत्या, लूट और गोलीबारी की घटनाएं आम हो गई हैं। वर्ष 2024 के आंकड़े चौंकाने वाले हैं—42 हत्याएं और 52 हाफ मर्डर की घटनाएं सामने आई हैं। सिर्फ जनवरी और फरवरी 2025 के दो महीनों में ही 3 हत्याएं और 3 हाफ मर्डर दर्ज हुए हैं।
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क्या चंद्रपुर अपराध की ओर बढ़ रहा है?
अगर पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो अपराध में खतरनाक इजाफा हुआ है। 2023 में जिले में 31 हत्याएं हुई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 42 हो गई। हाफ मर्डर के मामले भी 50 से बढ़कर 52 तक पहुंच गए। इन आंकड़ों ने जिले के निवासियों में डर का माहौल बना दिया है।
अपराध पर सियासत गर्म
गुंडाराज के इस बढ़ते साये के बावजूद जिले के पालकमंत्री अशोक उईके ने पुलिस प्रशासन की पीठ थपथपाते हुए कानून-व्यवस्था को “उत्तम” बताया है। वहीं, चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की।
क्या होगा आगे?
जिस तरह पिछले दो वर्षों में अपराध बढ़ा है, उससे यह सवाल उठता है कि क्या आने वाले महीनों में हालात और बिगड़ेंगे? चंद्रपुर के नागरिकों को उम्मीद है कि प्रशासन इस पर लगाम लगाएगा और आने वाले महीनों में अपराध की यह भयावह लहर थमेगी। फिलहाल, चंद्रपुर अपराधियों के निशाने पर है और इस शहर का शांत चेहरा कहीं खोता नजर आ रहा है।