चंद्रपुर की सियासत में हलचल: अशोक उईके बने पालकमंत्री, भाजपा में बढ़ी अंदरूनी खींचतान
भाजपा के भीतर दो गुटों में बंटी सियासत
जिले के पांच विधायकों में दिखा स्पष्ट विभाजन, नेता बना रहे अपने-अपने समर्थन समूह
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सुधीर मुनगंटीवार और अशोक उईके के बीच संबंधों पर नजर
वरिष्ठ नेता और नए पालकमंत्री के बीच समन्वय भाजपा की रणनीति के लिए होगा निर्णायक
टिकट वितरण बनेगा प्रमुख मुद्दा
स्थानीय स्वराज संस्थाओं और महानगरपालिका चुनाव में नेतृत्व और संगठन के बीच तकरार की संभावना
अशोक उईके की सबसे बड़ी चुनौती: सामंजस्य बनाना
पालकमंत्री को पार्टी के विभिन्न गुटों के बीच तालमेल बैठाने के साथ नेतृत्व को मजबूती देना होगा
मुनगंटीवार को मंत्रिमंडल से बाहर करने का असर
जिले में भाजपा की परंपरागत रणनीति में बदलाव, सत्ता संघर्ष के नए संकेत
स्थानीय राजनीति पर उईके की पकड़ का इम्तिहान
आदिवासी विकास मंत्री के रूप में भी उईके की हर पहल पर होगी जिले और संगठन की पैनी नजर।
चंद्रपुर जिले के नए पालकमंत्री के रूप में आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके की नियुक्ति के बाद भाजपा के नेताओं के बीच उईके के करीब जाने की होड़ मच गई है। जिले में पहले से ही भाजपा में गहरे अंतर्विरोध देखने को मिलते हैं। पाँच विधायकों वाले इस जिले में विधायक गुटों में बंटे हुए हैं।
पूर्व पालकमंत्री और वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार तथा नए पालकमंत्री अशोक उईके के बीच तालमेल कैसे रहेगा, यह राजनीति के केंद्र में होगा। मुनगंटीवार के साथ संगठन का मजबूत समर्थन है और राजुरा के विधायक देवराव भोंगळे उनके पक्षधर हैं। वहीं, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, विधायक किशोर जोरगेवार, चिमूर के बंटी भांगडिया, वरोरा के करण देवतले और पूर्व विधायक शोभा फडणवीस एक गुट में दिखाई देते हैं।
अशोक उईके, जो रालेगांव से विधायक हैं, लंबे समय तक मुनगंटीवार के सहयोगी रहे हैं। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में, वह भाजपा की गुटबाजी और मुनगंटीवार-अहीर-जोरगेवार की खींचतान के बीच सामंजस्य बिठाने की भूमिका निभा पाएंगे ?
चंद्रपुर महानगरपालिका और स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव को देखते हुए टिकट वितरण में उईके को निर्णायक भूमिका निभानी पड़ेगी। भाजपा के इस अंदरूनी विवाद और गुटबाजी से उईके के नेतृत्व और कूटनीति पर कड़ा इम्तिहान होगा।
अब देखना यह होगा कि अशोक उईके भाजपा के भीतर सामंजस्य बना पाते हैं या पार्टी के गुटीय संघर्ष में फंस जाते हैं।