हवा में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर शहर को प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। पर्यावरणीय अध्ययनकर्ता प्रो. सुरेश चोपणे के अनुसार, थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाली धूल और अन्य प्रदूषणकारी तत्वों के कारण शहर की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है।
Whatsapp Channel |
चंद्रपुर की हवा की स्थिति
नवंबर महीने में चंद्रपुर की हवा का 30 दिनों का विश्लेषण बेहद चिंताजनक रहा:
AQI 0-50 (Good): स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त स्तर, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं रहा।
AQI 51-100 (Satisfactory): यह स्तर भी पूरे महीने अनुपस्थित रहा।
AQI 101-200 (Moderate): 29 दिन इस श्रेणी में दर्ज हुए।
AQI 201-300 (Poor): 1 दिन (19 नवंबर) हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही।
AQI 301-400 (Very Poor) और 401-500 (Severe): खतरनाक प्रदूषण का स्तर पूरे महीने नहीं देखा गया।
हवा की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए सूक्ष्म धूल कण (PM2.5, PM10), ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, अमोनिया, और लेड जैसे प्रदूषकों का मापन किया गया।
प्रदूषण के प्रमुख कारण
शहर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:
1. वाहनों से निकलने वाला धुआं और धूल: शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
2. सड़कों पर जमी धूल: निर्माण कार्यों और अनियमित सफाई से यह समस्या गंभीर बन गई है।
3. कचरा जलाना: ठोस कचरे का सही प्रबंधन न होने से हवा प्रदूषित हो रही है।
4. थर्मल पावर स्टेशन और कोयला दहन: चंद्रपुर का थर्मल पावर प्लांट प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है।
5. औद्योगिक प्रदूषण: उद्योगों से निकलने वाले धुएं और गैसें भी प्रदूषण को बढ़ा रही हैं।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
हवा में मौजूद सूक्ष्म धूल कण (PM2.5 और PM10) सर्दियों में ठंड और धीमी हवा के कारण जमीन के करीब रह जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं।
श्वसन रोग: दमा, ब्रोंकाइटिस और टीबी जैसे रोग तेजी से बढ़ते हैं।
हृदय और मानसिक रोग: प्रदूषण का प्रभाव इन पर भी देखा गया है।
बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित: कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग अधिक जोखिम में हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए संभावित उपाय
1. हरियाली में वृद्धि: अधिक से अधिक पेड़ लगाना।
2. इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग: बैटरी चालित वाहनों को बढ़ावा देना।
3. सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता: निजी वाहनों की संख्या घटाना।
4. कचरे का सही प्रबंधन: कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाना।
5. स्मॉग टावर और फॉग मशीन: प्रदूषण कम करने के तात्कालिक उपाय।
6. थर्मल पावर और उद्योगों पर निगरानी: प्रदूषणकारी उत्सर्जन को नियंत्रित करना।
प्रो. सुरेश चोपणे के अनुसार, प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे और नागरिकों को प्रदूषण रोकने में सहयोग करना होगा। तभी चंद्रपुर की हवा में सुधार लाया जा सकेगा।