चंद्रपुर जिले के नागभिड तालुका में स्थित सातबहिणी डोंगर (पेरजागड) क्षेत्र में अचानक आई मूसलधार बारिश के कारण एक नाले में बाढ़ आ गई, जिससे वहां पर्यटन के लिए आए हजारों पर्यटक फंस गए। यह घटना कल स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार, 15 अगस्त की शाम को सामने आई।
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जुलाई महीने से जारी भारी बारिश के चलते जिले की नदियाँ, नाले और तालाब लबालब भर चुके हैं। मध्यम और छोटे प्रोजेक्ट ओवरफ्लो हो चुके हैं, और प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर है। इससे जिले के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ भी बढ़ गई है। नागभिड तालुका के सोनापुर के पास स्थित सातबहिणी (पेरजागड) डोंगर भी इनमें से एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। गुरुवार को यहाँ करीब आठ से दस हजार पर्यटक पहुंचे थे।
पर्यटक पहाड़ पर चढ़कर इस क्षेत्र की सुंदरता का आनंद ले रहे थे, तभी दोपहर करीब दो से तीन बजे के बीच अचानक आकाश में घने काले बादल छा गए और कुछ ही समय में मूसलधार बारिश शुरू हो गई। एक सप्ताह से रुकी हुई बारिश के बाद नाले में पानी कम हो गया था, लेकिन भारी बारिश के चलते नाले तुरंत उफान पर आ गए। सातबहिणी पर्यटन स्थल से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित सोनापुर की ओर जाने वाले रास्ते पर डोंगर क्षेत्र से बहने वाले पानी ने नाले में बाढ़ ला दी।
इस बाढ़ के कारण हजारों पर्यटक सातबहिणी डोंगर के मार्ग पर फंस गए और लगातार हो रही बारिश के कारण वे बाहर नहीं निकल सके। इस पर्यटन स्थल के चारों ओर घने जंगल में बाघ, तेंदुए और भालू जैसे हिंसक जानवरों की मौजूदगी के कारण पर्यटकों की जान खतरे में पड़ गई थी।
जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस और वन विभाग को मिली, दोनों विभागों के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे। शाम से लेकर रात तक, फंसे हुए पर्यटकों को बड़ी बहादुरी से बाढ़ से बाहर निकाला गया। चूंकि पर्यटकों की संख्या हजारों में थी, इसलिए बचाव अभियान रात तक चलता रहा। प्रशासन की समय पर प्रतिक्रिया के कारण कोई भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, और एक बड़ा हादसा टल गया।
पर्यटकों ने प्रशासन के समय पर पहुंचने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने बताया कि सातबहिणी डोंगर क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे इस प्रकार की स्थितियों में उन्हें भारी जोखिम उठाना पड़ता है।