महाराष्ट्र में अवैध रेत खनन और तस्करी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में पर्यावरण नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से रेत खनन किया जा रहा है। खासकर विदर्भ के इलाकों में रेत माफिया सक्रिय हैं, जिन्हें प्रशासन और पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने के आरोप लग रहे हैं।
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विधायकों का हंगामा, गरीबों को नहीं मिल रही रेत
महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों और घरकुल योजना के लाभार्थियों को रेत उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जबकि माफिया प्रशासन के साथ मिलीभगत कर अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इस पर विपक्ष के वरिष्ठ नेता भास्कर जाधव ने कहा, “हर अधिवेशन में रेत नीति पर चर्चा होती है, लेकिन नीति कभी अमल में नहीं आती। शांत रहने वाला कोकण अब रेत माफियाओं के कारण अशांत हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की शह पर अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। जाधव ने मांग की कि इन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा विधायक किशोर जोरजेवार ने सवाल उठाया कि “सरकारी योजनाओं और घरकुल के लिए जरूरी रेत के लिए क्या कुछ घाटों को आरक्षित किया जाएगा?” इसी तरह, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने उमरवाड़ा क्षेत्र में अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि पर्यावरण विभाग की अनुमति के बिना यह उत्खनन किसके आदेश पर किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री ने दी तीन दिन में कार्रवाई की गारंटी
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में यह स्वीकार किया कि गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, नागपुर और कोकण के कई जिलों में तहसीलदार, खनन अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रेत तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय आयुक्त के माध्यम से इन सभी अधिकारियों की तीन दिनों में जांच करवाई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
इसके अलावा, मंत्री ने यह भी घोषणा की कि “प्रत्येक घरकुल योजना के लाभार्थी को मुफ्त में 5 ब्रास रेत दी जाएगी, जिसके लिए कोई रॉयल्टी नहीं देनी होगी। हालांकि, रेत डिपो से घर तक पहुंचाने का खर्च लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा। यदि 15 दिनों के भीतर यह रेत उपलब्ध नहीं कराई गई, तो संबंधित तहसीलदार पर कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार की तीखी टिप्पणी
इस मुद्दे पर बोलते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि “अवैध रेत तस्करी में जब्त किए गए वाहनों को अधिकारियों को इनाम में दे दिया जाए।” इसके अलावा, उन्होंने राजस्व मंत्री बावनकुले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक सफर सूर्योदय की ओर बढ़ रहा है, जबकि बाकी का सूर्यास्त की ओर।
राज्य सरकार बनाएगी नई रेत नीति
मौजूदा स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार अब एक व्यापक रेत नीति लाने की तैयारी में है। मंत्री बावनकुले ने कहा कि “राज्य में रेत माफिया पर नियंत्रण रखने के लिए राजस्व और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन अवैध रेत तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए, सरकार जल्द ही एक समग्र रेत नीति बनाएगी, जिससे इस समस्या पर स्थायी समाधान निकाला जा सके।”
महाराष्ट्र में अवैध रेत खनन और माफियाओं के बढ़ते प्रभाव को लेकर जनता और राजनीतिक दलों में भारी रोष है। सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन क्या वाकई यह वादे जमीनी हकीकत में तब्दील होंगे, यह देखने वाली बात होगी।