वाइट हाउस जैसी करोड़ों की इमारतें, प्रशासकीय भवन, चमचमाती सड़कें, ईको पार्क, पुल, क्रीड़ा संकूल आदि पर अनगिनत, करोड़ों का सरकारी धन पानी की तरह बहाकर पोंभूर्णा में विकास की गंगा पहुंचाई गई। लेकिन अत्यंत खेद की बात है कि बीते डेढ़ माह से इसी विकसित पोंभूर्णा तहसील के 15 गांवों के हजारों लोग प्यास से बिलक रहे हैं। इन्हें मजबूरन दूषित जल पीना पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के जिला प्रमुख संदीप गिऱ्हे ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पोंभूणा तहसील कार्यालय के प्रशासकीय भवन में पहुंचकर वहां अपने कुर्सी पर कार्यरत गुट विकास अधिकारी (BDO) विवेक बेल्लालवार के मुंह पर दूषित पेयजल फेंका। गुस्साएं शिवसैनिकों ने न केवल गालीगलौज की, बल्कि कार्यालय में ही मटकें फोंडकर प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के खिलाफ तीव्र रोष जाहिर किया। शिवसैनिकों के उग्र आंदोलन से न केवल प्रशासन में खलबली मची है, अपितु यह क्षेत्र जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का विधानसभा क्षेत्र होने के चलते आगामी चुनावों के दिन करीब होने के कारण भाजपा नेता भी सकते में आ गये है।
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विकसित हो चुके पोंभूर्णा के 15 गांवों के लिए नहीं मिल रहे ढ़ाई लाख ?
अनेक राजनीतिक दल और उनके नेता करोड़ों-करोड़ों के इवेंट लेकर जनता का मनोरंजन कराते हैं। चुनाव करीब आते ही इवेंट की भरमार होती है। फिल्मी कलाकारों का दर्शन कराने के लिए करोड़ों का धन फूंक दिया जाता है। लेकिन बीते डेढ़ माह से 15 गांवों की जलापूर्ति योजना का बिजली बिल अदा करने के लिए प्रशासन और राजनेता ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। महज ढ़ाई लाख रुपये बकाया होने के कारण जलापूर्ति योजना ठप हो जाने की जानकारी है।
शिवसैनिकों ने क्यों किया तांडव ?
बताया जाता है कि पोंभूर्णा तहसील के 15 गांवों की ग्रीड जलापूर्ति योजना पिछले डेढ़ माह से ठप है। क्योंकि बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जा सका। इसके चलते क्षेत्र के ग्रामीणों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। मजबूर होकर लोग दूषित व मटमैला पानी पी रहे हैं। इस समस्या का संज्ञान शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के जिला प्रमुख संदीप गिऱ्हे ने लिया। गांव के सरपंच, उपसरपंच और अन्य ग्रामवासियों समेत अनेक शिवसैनिकों के साथ वे पोंभूर्णा तहसील कार्यालय में आंदोलन करने पहुंच गये। इस समय अपने कुर्सी पर कार्यरत गुट विकास अधिकारी (BDO) विवेक बेल्लालवार की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर शिवसैनिकों का गुस्सा फूट पड़ा। संदीप गिऱ्हे ने साथ ले आये पानी की बोतलों में मौजूद दूषित व मटमैले जल को BDO विवेक बेल्लालवार के मुंह पर फेंक दिया। शिवसैनिकों ने इस अफसर से गालीगलौज भी की। साथ ही महिला शिवसैनिकों की ओर से मटके फोड़कर विरोध प्रदर्शन किया गया। आंदोलनकारियों की मांग है कि जल्द से जल्द बिजली बिल का भुगतान कर जलापूर्ति योजना को पुनः शुरू किया जाए, ताकि गांववासियों को जल संकट से मुक्ति मिल सकें।