Son of Notorious Tiger Poacher Arrested in Mizoram Reveals Secrets; Crores Laundered via Hawala!
एक माह पूर्व 27 जनवरी को चंद्रपुर जिले के राजुरा तहसील से बहेलिया शिकारी गिरोह के सरगना कुख्यात शिकारी अजित राजगोंड समेत परिवार के सदस्यों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया था, अभी तक वनविभाग की टीम ने 11 से अधिक बाघों शिकार मे लिप्त आरोपियों को हिरासत मे लेकर जांच जारी ह।
वनों के राजा माने जाने वाले बाघों की अवैध शिकार और उनके अंगों की तस्करी के सनसनीखेज मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस संगठित अपराध में कोट्यवधी रुपये की अवैध लेनदेन सामने आई है। वन विभाग और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में यह पता चला है कि बाघों की हत्या कर उनके अंगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जाता था। खासकर, म्यांमार से जुड़े इस गिरोह के तार हवाला नेटवर्क से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है।
म्यांमार से भारत तक पैसों की तस्करी
कुछ दिन पहले ही मिजोरम से गिरफ्तार किए गए आरोपी को इस गिरोह का मुख्य संचालक माना जा रहा है। यह आरोपी म्यांमार से हवाला के जरिए भारत में पैसे लाने का काम करता था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह पैसा भारत में बाघों की हत्या और उनके अंगों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह गिरोह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, बल्कि इसका नेटवर्क कई देशों तक फैला हुआ है।
सोनू सिंह ने कबूली बाघों की हत्या
इस प्रकरण में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रणजीत बावरिया नामक कुख्यात शिकारी के बेटे सोनू सिंह ने यह स्वीकार किया है कि उसने गोंदिया-बालाघाट की सीमा पर दो बाघों का शिकार किया था। इस कबूलनामे के बाद वन विभाग की विशेष टीम सोनू सिंह को लेकर बालाघाट गई है, ताकि इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा सके।
सख्त जांच की मांग, ईडी और सीबीआई हो सकते हैं शामिल
मिजोरम से गिरफ्तार आरोपी को फिलहाल वन कोठडी में रखा गया है, जबकि अन्य सभी गिरफ्तार आरोपियों को 5 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे केंद्रीय अपराध जांच विभाग (CBI) को सौंपे जाने की संभावना है। साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस जांच में शामिल हो सकता है, क्योंकि हवाला के जरिए पैसे के लेनदेन की पुष्टि होती दिख रही है।
