ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प के बाहर बाघों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वजह से बाघघ कब और कहां दिखाई देगा, यह कहना मुश्किल हो गया है। बाघ का नाम सुनकर ही लोगों की रूह कांप जाती है, और अगर वह अचानक सामने आ जाए, तो डर के मारे बोलती बंद हो जाती है। मंगलवार की शाम को नागभीड़ तालुका में ऐसी ही एक घटना सामने आई है। गोविंदपुर मार्ग पर मंगरूड के पास एक किसान के सामने अचानक एक बाघ आ खड़ा हुआ।
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इन दिनों हर जगह बारिश हो रही है। बारिश के बावजूद किसान अपने खेतों में रोपाई करने में व्यस्त हैं। मंगलवार को गोविंदपुर के रामदास खांदेवे नामक किसान साइकिल से मंगरूड गांव के खेत पर काम करने गया था। शाम साढ़े पांच बजे के करीब काम खत्म कर वह साइकिल से अपने गांव गोविंदपुर लौट रहा था। मंगरूड से गोविंदपुर मार्ग पर नहर के पास एक नागमोडी मोड़ पर अचानक जंगल से निकलकर बाघ सड़क पर आ गया। दोनों एक-दूसरे के सामने खड़े हो गए। दोनों के पीछे-आगे कोई नहीं था। किसान के सामने वाघ को देखकर वह निःस्तब्ध हो गया।
एसटी बस के चालक ने बचाई जान
तभी मंगरूड से गोविंदपुर की ओर जा रही एक एसटी बस वहां पहुंची। बस के चालक ने तुरंत बस रोकी और किसान को बचाने का प्रयास किया। बिना समय गंवाए किसान को एसटी बस में बैठा लिया गया और उसकी साइकिल भी बस में रख ली गई। एसटी बस के चलते बाघ तुरंत जंगल की ओर भाग गया। ” वक़्त आ गया था, पर काल नहीं ” इस कहावत की तर्ज पर किसान की जान बच गई। एसटी बस गोविंदपुर गांव पहुंची और किसान को गांव में छोड़ा गया। इस समय किसान वाघ को सामने देखकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं था। एसटी चालक और कंडक्टर ने गांव में यह घटना बताई, जिससे वाघ और किसान के इस खौफनाक घटना की चर्चा गांव में जोरों पर हो गई।