चंद्रपुर जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घूस में नगरपरिषद ने संपत्ति कर वसूली को लेकर बड़ा कदम उठाया है। 2024-2025 कर वसूली अभियान के तहत जिन संपत्ति धारकों पर 15 हजार रुपये से अधिक का टैक्स बकाया है, उनके नाम और बकाया राशि की सूची फ्लेक्स बोर्ड पर सार्वजनिक कर दी गई है। ये बोर्ड नगरपरिषद कार्यालय और शहर के प्रमुख चौकों पर लगाए गए हैं।
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कर चोरी के खिलाफ नगरपरिषद की सख्त चेतावनी!
नगरपालिका ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर समय सीमा के भीतर कर का भुगतान नहीं किया गया, तो आगे भी इस तरह नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर किसी प्रतिष्ठान या व्यक्ति को इससे ठेस पहुंचती है, तो इसकी जिम्मेदारी नगरपरिषद की नहीं होगी।
बड़े ठेकेदार भी कर चोर? शहर में चर्चा गर्म!
शहर में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि फ्लेक्स बोर्ड पर ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं, जो चंद्रपुर जिला परिषद के विभिन्न विभागों में करोड़ों के ठेके लेने वाले हैं। ये लोग शानदार बंगलों में रहते हैं, लेकिन मात्र 15 हजार का संपत्ति कर चुकाने में भी आनाकानी कर रहे हैं! इसको लेकर आम जनता में रोष है, और शहर में यह कहावत चर्चित हो रही है— “नाम बड़े, दर्शन छोटे!”
31 मार्च तक टैक्स नहीं भरा तो होगी कुर्की!
नगरपरिषद ने बकायेदारों को 31 मार्च तक का अंतिम मौका दिया है। यदि वे तय समयसीमा के भीतर कर नहीं चुकाते, तो उनके खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
मुख्याधिकारी नीलेश राजांकर के नेतृत्व में कई संपत्तियों पर पहले ही जब्ती की कार्रवाई हो चुकी है। कर विभाग की अधिकारी अर्चना डिंगलकर ने नागरिकों से अपील की है कि शनिवार और रविवार को भी कर वसूली कार्यालय खुला रहेगा, ताकि लोग बिना किसी देरी के अपना बकाया चुका सकें।
टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं!
नगरपरिषद की इस सख्त कार्रवाई से कर चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है। जो लोग अब तक प्रभावशाली पदों और ऊंचे रसूख के दम पर टैक्स बचाते आ रहे थे, वे अब बेनकाब हो रहे हैं। नगरपरिषद के इस कड़े रुख से यह स्पष्ट है कि अब टैक्स चोरी करना आसान नहीं होगा और संपत्ति धारकों को अपने दायित्व पूरे करने ही होंगे।
अब देखना यह होगा कि शहर के ये बड़े कर चोर अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए कर चुकाते हैं या फिर उन्हें कुर्की और सार्वजनिक बेइज्जती का सामना करना पड़ेगा!