15 अगस्त अर्थात independence of india का दिन। देश भर में इस दिन को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अभी 15 अगस्त, राष्ट्रीय त्योहार को बीते एक माह भी नहीं हुआ। लेकिन स्थानीय जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय के गलियारे में राष्ट्रध्वज तिरंगे (Indian National Flag) को पोछा बनाकर इस्तेमाल किये जाने का मामला उजागर हुआ है। इस अन्न धान्य विभाग में अपने सरकारी काम से आने वाले लोग राष्ट्रध्वज का यह अपमान देखकर सन्न रह गये।
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जब आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party (AAP) के स्थानीय पदाधिकारी अपने कुछ कामों के लिए यहां पहुंचे तो उन्होंने यह अपमानजनक दृश्य देखकर क्षुब्ध हो गये। इस प्रकरण का पर्दाफाश किया। राष्ट्रध्वज (Indian National Flag) को पोछे की तरह इस्तेमाल करने पर रोष जताया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए आप पार्टी के नेताओं ने सीधे जिला पुलिस अधीक्षक से भेंट कर अपनी शिकायत दी। इस शिकायत में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग आप पार्टी ने की है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। राष्ट्रध्वज, जो हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, उसकी शान के साथ समारोह मनाया गया। लेकिन अब, एक सरकारी कार्यालय में राष्ट्रध्वज की अपमानजनक स्थिति देखकर हर भारतीय का हृदय व्यथित हो सकता है। यह घटना महाराष्ट्र के एक सरकारी कार्यालय की है, जहां राष्ट्रध्वज जमीन पर पड़ा हुआ मिला।
Aam Aadmi Party (AAP) के युवा आघाड़ी जिलाध्यक्ष राजू कुडे सरकारी अन्न-धान्य अधिकारी कार्यालय में जनता के मुद्दों को लेकर गए थे। वहां उन्होंने देखा कि जिस ध्वज को कुछ दिन पहले पूरे सम्मान के साथ फहराया गया था, वह अब अपमानजनक स्थिति में पड़ा है। इसे पोछा बना दिया गया है।
राजू कुडे ने इस दृश्य को फेसबुक लाइव के माध्यम से सार्वजनिक किया। इससे यह घटना वायरल हो गई और लोगों का ध्यान खींचा। अब जनता यह जानने के लिए उत्सुक है कि इस अपमानजनक स्थिति के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी कार्यालयों में लापरवाही और राष्ट्रध्वज के प्रति असम्मान की मानसिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वतंत्रता दिवस के बाद इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर सामने आती हैं, जब लोग राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल केवल औपचारिकता के तौर पर करते हैं और फिर उसे नजरअंदाज कर देते हैं।
इस मामले में फेसबुक लाइव की वजह से घटना प्रकाश में आई और अब अधिकारी सार्वजनिक दबाव में हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने पर कानूनन सख्त कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कुछ मामलों में इस पर उचित ध्यान नहीं दिया जाता।
अभी तक इस घटना में शामिल अधिकारियों के खिलाफ किसी भी ठोस कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन जनता की मांग है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।