महाराष्ट्र के वन विभाग में एक बड़ा प्रशासनिक भूचाल देखने को मिला है। चंद्रपुर वन मंडल से लेकर मुंबई, कोल्हापुर, नाशिक और मेलघाट तक अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापनाओं की श्रृंखला ने वन प्रशासन में हलचल मचा दी है। इस बार तबादले केवल स्थानांतरण तक सीमित नहीं रहे, बल्कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को पदावनत कर नए पदों पर भेजा गया है, तो कुछ को पदोन्नति देकर नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रमुख तबादले और फेरबदल – एक नजर में:
1. डॉ. जितेंद्र रामगांवकर
वर्तमान पद: मुख्य वन संरक्षक, चंद्रपुर
नया पद: मुख्य वन संरक्षक, सहायक प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव पश्चिम), मुंबई (यह पद अब ‘मुख्य वन संरक्षक’ के तौर पर अवनत कर पुनर्गठित किया गया है)
विशेष: इस फेरबदल को पदावनति के रूप में देखा जा रहा है।
2. आर. रामानुजम
वर्तमान पद: मुख्य वन संरक्षक, कोल्हापुर
नया पद: मुख्य वन संरक्षक, चंद्रपुर
विशेष: रामगांवकर की जगह नियुक्ति, चंद्रपुर की बाघ परियोजनाओं में अहम भूमिका तय।
3. प्रशांत खाड़े
वर्तमान पद: विभागीय वन अधिकारी (DFO), चंद्रपुर
स्थिति: भारतीय वन सेवा (IFS) कैडर में पदोन्नत,
नया पद: उप वन संरक्षक, जुन्नर
विशेष: सीनियर रैंक में तरक्की, लेकिन अपेक्षाकृत शांत क्षेत्र में नियुक्ति।
4. राकेश सेपट
वर्तमान पद: उप वन संरक्षक, ब्रम्हपुरी
नया पद: पूर्व नाशिक
विशेष: बाघ बाहुल्य क्षेत्र ब्रम्हपुरी से नाशिक स्थानांतरण – ‘पदावनति’ जैसा संदेश।
5. पवन कुमार जोंग
वर्तमान पद: परीविक्षाधीन उप विभागीय वन अधिकारी, राजुरा
नया पद: उप वन संरक्षक, गोंदिया प्रादेशिक
विशेष: शुरुआती दौर में ही बड़ी जिम्मेदारी।
6. दिव्याभारती एम.
वर्तमान पद: उप वन संरक्षक, सिपना (मेलघाट बाघ परियोजना)
नया पद: प्रादेशिक प्रबंधक, एफडीसीएम, चंद्रपुर
विशेष: वन विकास निगम में स्थानांतरण – प्रशासनिक दृष्टि से प्रभावी पद।
7. उमेश वर्मा
वर्तमान पद: उप वन संरक्षक, वन विनिमय विभाग, नागपुर
नया पद: अतिरिक्त संचालक (प्रशिक्षण), चंद्रपुर वन अकादमी
विशेष: प्रशिक्षण क्षेत्र में योगदान की उम्मीद।
इन तबादलों से वन विभाग की आंतरिक राजनीति और प्रशासनिक रणनीतियों के कई संकेत मिलते हैं:
पदावनत पदस्थापनाएं साफ दर्शाती हैं कि कुछ अधिकारियों की कार्यशैली या प्रशासनिक निर्णयों से उच्च स्तरीय असंतोष हो सकता है।
IFS कैडर में पदोन्नति प्राप्त करना बड़ी उपलब्धि है, लेकिन नियुक्ति क्षेत्र भी संकेत देता है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन की प्राथमिकताएं क्या हैं।
चंद्रपुर और ब्रम्हपुरी जैसे बाघ प्रकल्पों वाले क्षेत्रों से अधिकारियों की तबादली यह दर्शाती है कि आगामी वन नीतियों और प्रबंधन में बड़ा बदलाव आ सकता है।
चंद्रपुर और आसपास के वन क्षेत्र न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत के लिए वन्यजीव प्रबंधन का केंद्र रहे हैं। इन बड़े प्रशासनिक फेरबदल से यह स्पष्ट है कि विभागिक नीतियों में बदलाव आने वाला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए अधिकारी इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं और वन्यजीव संरक्षण में क्या नई दिशा मिलती है।
