ताडोबा में बढ़ी सफारी फीस पर संग्राम: सांसद प्रतिभा धानोरकर के आंदोलन के आगे झुका प्रशासन, स्थानीय लोगों को ₹5000 में एंट्री का आश्वासन
तीन महीने के मानसून ब्रेक के बाद, 1 अक्टूबर से विश्व प्रसिद्ध ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य (TATR) के द्वार पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिए गए। लेकिन, पर्यटन सीजन के पहले ही दिन ताडोबा प्रशासन को एक बड़े विरोध का सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा जिप्सी सफारी शुल्क में की गई भारी वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस ने सांसद प्रतिभा धानोरकर के नेतृत्व में एक उग्र आंदोलन छेड़ दिया। यह विरोध प्रदर्शन ताडोबा के मोहरली गेट समेत सभी छह प्रमुख गेटों पर एक साथ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लेकर प्रशासन पर दबाव बनाया।
क्या है पूरा मामला?
वन विभाग ने हाल ही में ताडोबा के कोर ज़ोन में सफारी के लिए सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) के शुल्क में भारी वृद्धि करते हुए इसे ₹12,800 कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ सांसद प्रतिभा धानोरकर ने आक्रामक रुख अपनाते हुए स्थानीय लोगों की आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि चंद्रपुर जिले की पहचान ताडोबा बाघ अभयारण्य है, और यहाँ के स्थानीय निवासियों को ही इसके दर्शन के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिले में पहले से ही मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या है; ऐसे में स्थानीय लोगों से ही अधिक शुल्क वसूलना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है। आंदोलन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने सभी पर्यटक वाहनों को रोक दिया और शुल्क वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की।
प्रशासन का आश्वासन और सांसद की चेतावनी
आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए ताडोबा प्रशासन को बातचीत के लिए आगे आना पड़ा। सांसद प्रतिभा धानोरकर ने प्रशासन के सामने स्थानीय निवासियों के लिए एक ठोस मांग रखी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया गया। ताडोबा बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक, अनंत रेड्डी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि अब से स्थानीय निवासियों से सफारी शुल्क के रूप में ₹5,000 ही लिए जाएंगे।
सांसद धानोरकर ने स्पष्ट किया कि उन्हें गाइड शुल्क में वृद्धि से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनकी मुख्य भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि जिले के आम नागरिकों के लिए ताडोबा सफारी सस्ती और सुलभ हो। बातचीत के दौरान, प्रशासन ने यह भी भरोसा दिलाया कि स्थानीय लोगों के लिए सप्ताह में एक दिन विशेष रियायत देने पर विचार किया जाएगा और इस प्रस्ताव को संबंधित समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्थानीय जिप्सी ड्राइवरों के बीमा के मुद्दे को भी सकारात्मक रूप से हल करने का वादा किया गया।
प्रशासन से मिले इन आश्वासनों के बाद, सांसद प्रतिभा धानोरकर ने पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अस्थायी रूप से आंदोलन स्थगित कर दिया और ताडोबा में प्रवेश का मार्ग खोल दिया। हालांकि, उन्होंने प्रशासन को आठ दिनों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम आठ दिनों तक प्रशासन के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे। यदि उपनिदेशक द्वारा दिए गए आश्वासन पूरे नहीं किए गए और जनहित में फैसला नहीं लिया गया, तो हम अगला आंदोलन और भी कठोर तरीके से करेंगे और जिप्सी का प्रवेश पूरी तरह से रोक देंगे।”
सांसद प्रतिभा धानोरकर के इस कड़े रुख के कारण ताडोबा प्रशासन पर भारी दबाव बन गया है। अब अगले 8 दिनों में प्रशासन इस मुद्दे पर क्या अंतिम निर्णय लेता है, इस पर पूरे जिले के आम नागरिकों की नजरें टिकी हुई हैं।
