वेकोली वणी नॉर्थ क्षेत्र अंतर्गत उकणी कोयला खदान में 7 जनवरी को एक बाघ का शव पाया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, बाघ की मौत 12-13 दिन पहले बिजली के झटके से हुई। वन विभाग के अनुसार, रोहित्र (ट्रांसफार्मर) से बिजली का करंट लगने से 3-4 वर्ष के बाघ की जान गई। शव परीक्षण में यह भी सामने आया कि मृत बाघ के दांत और 12 नाखून चोरी हो चुके थे।
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आरोपी वेकोली कर्मचारी निकले
जांच के दौरान यह तथ्य उजागर हुआ कि निलजई कोयला खदान में कार्यरत वेकोली (वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के कर्मचारियों ने बाघ के दांत और नाखून चुराए। वन विभाग ने इस मामले में चार संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया:
1. नागेश विठ्ठल हिरादेवे (40) 2. रोशन सुभाष देरकर (28) 3. सतीश अशोक मांढरे (26) 4. आकाश नागेश धानोरकर (27)
चारों आरोपियों से पूछताछ के बाद चार दांत और कुछ नाखून बरामद किए गए। यह कार्रवाई एसीएफ संगीता कोकणे के मार्गदर्शन में आरएफओ आशिष देशमुख और उनकी टीम ने की।
पुलिस और न्यायालय की कार्यवाही
गुरुवार की रात गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से आकाश नागेश धानोरकर और सतीश मांढरे को शुक्रवार को जमानत मिल गई, जबकि नागेश हिरादेवे और रोशन देरकर को वन कोठड़ी (वन विभाग की हिरासत) भेज दिया गया।
आरोपी ने की आत्महत्या की कोशिश
जमानत की सुनवाई के बाद जब गिरफ्तार आरोपी वन विभाग कार्यालय लाए गए, तो नागेश हिरादेवे ने गले में दुपट्टा डालकर आत्महत्या का प्रयास किया। त्वरित इलाज के लिए उसे ग्रामीण अस्पताल और बाद में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई। इस घटना ने वन विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।
मौत के जिम्मेदार का सवाल अब भी बरकरार
हालांकि बाघ के अवशेष चोरी करने का रहस्य सुलझ गया है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि बाघ की मौत के लिए वास्तविक तौर पर कौन जिम्मेदार है।