चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही तालुका के छोटे से गांव गडबोरी में गुरुवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। आठ वर्षीय शुभम बबन मानकर को घर के आंगन से ही एक बाघ ने हमला कर जबड़ों में दबोच लिया और उसे घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। यह घटना रात करीब साढ़े सात बजे घटी, जब शुभम अपने पिता बबन मानकर और छह साल की बहन के साथ एक कार्यक्रम से भोजन कर घर लौटा था।
मौत बनकर आया बाघ
घर के आंगन में पहुंचते ही घात लगाए बैठे बाघ ने अचानक शुभम पर झपट्टा मारा। बाघ ने बच्चे को जबड़ों में दबाया और जंगल की ओर फरार हो गया। पिता ने पूरी ताकत से चीख पुकार की, गांववाले दौड़कर आए, लेकिन तब तक बाघ बच्चे को लेकर जंगल में ग़ायब हो चुका था।
शुभम ज़िला परिषद स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता था। मासूम पर हुए इस हमले से मानकर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव के लोग भी सदमे में हैं और हर घर में मातम का माहौल है।
प्रशासन और वन विभाग की रातभर खोजबीन
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम तत्काल गांव पहुंची और देर रात तक जंगल में खोजबीन शुरू की गई। लेकिन देर रात तक शुभम का कोई पता नहीं चल सका। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कठोर कदम उठाने और इस इलाके में बढ़ते वन्यजीव आतंक को रोकने की मांग की है।
लगातार खतरे में गांव
गडबोरी गांव जंगल और पहाड़ियों के बिलकुल पास बसा है। वर्षों से यहां के लोग बाघ और अन्य जंगली जानवरों के डर में जी रहे हैं। रात में लोगों की नींद हराम रहती है, बच्चों को बाहर खेलने भेजने में भी डर लगता है। इस ताजा घटना ने पूरे गांव में दहशत फैला दी है।
गांववालों का कहना है कि जब तक प्रशासन प्रभावी कदम नहीं उठाएगा, तब तक ऐसे हमले रुकने वाले नहीं हैं। वे वाघ को पकड़ने या मानव बस्तियों से दूर खदेड़ने की मांग कर रहे हैं।
