चंद्रपुर जिले में बाघ के कहर ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया है। रविवार की सुबह मूल तालुक़ा के नागाला गांव में तेंदूपत्ता तोड़ने गई एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला पर बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। मृतका का नाम विमल बुद्धाजी शेंडे है। यह घटना लगातार दूसरे दिन हुई है, जिससे पूरे इलाके में डर और आक्रोश का माहौल है।
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घटना उस समय हुई जब विमल शेंडे अन्य ग्रामीणों की तरह सुबह-सुबह चिचपल्ली वनपरिक्षेत्र के कंपार्टमेंट नंबर 537 में तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गई थीं। इसी दौरान घात लगाकर बैठा बाघ अचानक उन पर झपट पड़ा और उन्हें मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटीं, तो परिजनों ने वनविभाग व पुलिस को सूचित किया। बाद में सर्च ऑपरेशन के दौरान उनका छिन्न-भिन्न शव जंगल में बरामद हुआ।
इस भीषण हमले के बाद पूरे नागाला गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। वनविभाग और पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। सरकार की ओर से मृतका के परिजनों को तत्काल ₹25,000 की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है।
गौरतलब है कि ठीक एक दिन पहले, शनिवार को, सिंदेवाही तालुका के मेंढा माल गांव में तीन महिलाओं की बाघ के हमले में दर्दनाक मौत हो गई थी। ये महिलाएं भी तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई थीं। दो दिन में चार लोगों की बाघ द्वारा हत्या ने प्रशासन और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों में जबरदस्त रोष है। लोगों की मांग है कि इन आदमखोर बाघों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और जंगल में जाने वाले मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सिंदेवाही और मूल तालुकों में बाघों की बढ़ती हलचल ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को भयावह मोड़ दे दिया है।