पिछले कई हफ्तों से चंद्रपुर के सावली और चिचपल्ली वनपरिक्षेत्र में दहशत का पर्याय बन चुकी आदमखोर बाघिन को बुधवार देर रात वनविभाग की टीम ने सफल ऑपरेशन के बाद पकड़ लिया। इस बाघिन ने अब तक तीन निर्दोष लोगों की जान ले ली थी और कई को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
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तीन जानें गईं, गांव में दहशत
बाघिन के हमलों में अब तक सावली वनपरिक्षेत्र के निलेश दुर्गा कोरेवार और शेषराव नागोसे, तथा चिचपल्ली वनपरिक्षेत्र के मल्लाजी येगावार की मौत हो चुकी थी। इस खूंखार हमलावर की वजह से ग्रामीणों में लगातार भय और आक्रोश का माहौल बना हुआ था।
जंगल में रात का रोमांचक ऑपरेशन
बुधवार की रात, सावली वनपरिक्षेत्र में बाघिन की मौजूदगी की खबर मिलते ही वनविभाग ने मौके पर पहुंच कर ऑपरेशन शुरू किया। वनपरीक्षेत्र अधिकारी घनश्याम नायगावकर ने ट्रैंकुलाइज़र गन की मदद से बाघिन को बेहोश किया और उसे पिंजरे में सुरक्षित कैद कर लिया गया।
टीमवर्क बना सफलता की चाबी
इस पूरी कार्रवाई का संचालन मुख्य वनसंरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगावकर, विभागीय वनाधिकारी प्रशांत खाडे, सहायक वनसंरक्षक विकास तरसे, और वनपरिक्षेत्र अधिकारी विनोद धुर्वे की देखरेख में किया गया। ऑपरेशन में शामिल टीम के साहस और सतर्कता की सराहना हर ओर हो रही है।
ग्रामीणों की ओर से आभार
बाघिन के पकड़े जाने से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने वनविभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम कई और जानों को बचा गया।