पालकों में आक्रोश, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
चंद्रपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां शिक्षा विभाग ने बच्चों को जबरन 6 घंटे तक कार्यक्रम स्थल पर बैठाए रखा। यह सब सिर्फ इसलिए किया गया ताकि विधायक के कार्यक्रम में भीड़ दिखे। यह घटना गोंडपिपरी तालुका के सोनापुर (देश) गांव में हुई, जहां 27 से 29 जनवरी तक तालुका स्तरीय शालेय बाल क्रीड़ा व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया था।
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बच्चों को घंटों बैठाए रखा, रात 11 बजे लौटे घर
इस कार्यक्रम का उद्घाटन 29 जनवरी को विधायक देवराव भोंगळे के हाथों होना था, जो दोपहर 3 बजे निर्धारित था। लेकिन विधायक पूरे 6 घंटे देरी से पहुंचे और उद्घाटन रात 9 बजे किया गया। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों को कार्यक्रम स्थल पर बैठाकर रखा गया।
आमदार के इंतजार में शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों की पूरी तरह अनदेखी कर दी। बच्चे भूखे-प्यासे, थके-मांदे रात 9 बजे तक बैठे रहे। जब बच्चे घर नहीं लौटे तो चिंतित पालकों ने शिक्षकों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। आखिरकार, रात 11 बजे बच्चे अपने घर पहुंचे और जब उन्होंने यह पूरा घटनाक्रम बताया तो पालक आक्रोशित हो गए।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया शिक्षा विभाग का विरोध
इस घटना के सामने आने के बाद जिलेभर में आक्रोश फैल गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की पत्रिका को बीडिओ कार्यालय (खंड विकास अधिकारी) के सामने जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और शिक्षा विभाग की निंदा की।
प्रशासन पर उठे सवाल, कार्रवाई की मांग
शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को इस तरह से घंटों तक रोके जाने और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किए जाने पर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पालकों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में दोषी अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।