यवतमाल जिले के वणी तालुका अंतर्गत कायर गांव में मंगलवार रात एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। विदर्भ नदी पर बने पुल को पार करते समय एक चारचाकी वाहन अचानक तेज बहाव में बह गया। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है।
हादसे का विवरण — पुल पर उफान, गाड़ी नदी में समाई
घटना मंगलवार की रात जब उमरी गांव निवासी रामा उद्धव कनाके (40) और भास्कर संभाजी पुसाम (43) डोंगरगांव से वापस अपने गांव लौट रहे थे। पूरे दिन लगातार बारिश होने के कारण विदर्भ नदी उफान पर थी और पुल के ऊपर से पानी बह रहा था।
रामा कनाके ने जोखिम उठाते हुए अपनी मॅजिक गाड़ी से पुल पार करने की कोशिश की, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण गाड़ी का नियंत्रण छूट गया और वह नदी में गिरकर बह गई। देखते ही देखते गाड़ी पानी में समा गई और उसकी आवाजाही बंद हो गई।
एक की दर्दनाक मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल
इस हादसे में रामा कनाके की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि भास्कर पुसाम किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें तत्काल कायर के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
पुलिस और ग्रामस्थों ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की जानकारी मिलते ही मुकुटबन पुलिस स्टेशन की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस और स्थानीय ग्रामस्थों की मदद से देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। बुधवार को रामा कनाके का शव नदी से बरामद किया गया।
हादसे में कनाके की मॅजिक गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। यह गाड़ी उन्हीं की निजी संपत्ति थी। स्थानीय लोगों ने इस हृदयविदारक घटना पर शोक व्यक्त किया है और मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
प्रशासन का अलर्ट — “पानी के बहाव में न करें वाहन चलाने की कोशिश”
प्रशासन ने इस दर्दनाक हादसे के बाद नागरिकों से अपील की है कि वे भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति में नदी या नाले पार करने से बचें। पुल पर पानी बहने के दौरान वाहन चलाना अत्यंत खतरनाक हो सकता है। यह घटना एक चेतावनी है कि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
एक लापरवाह फैसला, जिसने छीन ली ज़िंदगी
यह घटना न केवल एक दुर्घटना है, बल्कि यह हमारी सोच और फैसलों पर भी सवाल खड़ा करती है। क्या तेज बारिश और बहते पानी में पुल पार करने की ज़रूरत थी? क्या कुछ देर इंतजार नहीं किया जा सकता था? ये सवाल अब उस परिवार के सामने हैं, जिसने अपना एक सदस्य खो दिया।
प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रशासनिक चेतावनी का पालन करना न केवल कानूनन जरूरी है, बल्कि यह हमारी जान की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है। इस एक निर्णय की चूक ने एक जीवन छीन लिया और दूसरा मौत से लड़ रहा है।
