संसद में विरोध प्रदर्शन, अमित शाह से माफी की मांग
दिल्ली में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी नेताओं ने संसद के बाहर इस बयान के विरोध में प्रदर्शन किया और कड़े शब्दों में नाराजगी जताई।
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अमित शाह ने संविधान पर चर्चा के दौरान विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा था, “आप सब आंबेडकर-आंबेडकर करते रहते हैं, जैसे यह एक फैशन बन गया है। इसके बजाय भगवान का नाम लेंगे तो स्वर्ग में स्थान मिलेगा।” इस बयान को लेकर विपक्षी दलों ने इसे बेहद आपत्तिजनक बताते हुए गृहमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने पूरे देशवासियों की भावनाओं को आहत किया है।
कांग्रेस पार्टी की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने अमित शाह के इस बयान की तीव्र निंदा करते हुए कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं। उनके प्रति ऐसा बयान न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि यह हर भारतीय की भावनाओं पर आघात है। उन्होंने अमित शाह से देशवासियों से सार्वजनिक माफी मांगने और डॉ. आंबेडकर के प्रति नतमस्तक होने की मांग की है।
विपक्ष ने किया प्रदर्शन
संसद के बाहर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीरें हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सांसद प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि गृहमंत्री का बयान न केवल संविधान निर्माता का अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र और सामाजिक समानता के मूल्यों पर हमला है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि अमित शाह अपने शब्द वापस लें और डॉ. आंबेडकर को उचित सम्मान दें।”
राष्ट्रीय स्तर पर भारी विवाद
गृहमंत्री के इस बयान ने ना केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता के बीच भी गुस्से की लहर पैदा कर दी है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विरासत के लिए यह अपमानजनक भाषा देश के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारत को संविधान का उपहार दिया, जो हर भारतीय को समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देता है। ऐसी महान शख्सियत के खिलाफ इस प्रकार के बयान को भारतीय समाज किसी भी रूप में स्वीकार करने के मूड में नहीं है।