निविदा में अनियमितता और ग्राम सभा न लेने के कारण उर्जानगर पंचायत के सरपंच और उपसरपंच पद से हटाए गए
ग्राम पंचायत उर्जानगर के सरपंच मंजुषा येरगुडे और उपसरपंच अंकित चिकटे को निविदा प्रक्रिया में अनियमितता और समय पर ग्राम सभा नहीं लेने के आरोप में उनके पदों से हटा दिया गया है। नागपुर के अपर आयुक्त डॉ. माधवी खोडे-चवरे ने यह कार्रवाई की है, जिसमें दोनों को अगले कार्यकाल तक अयोग्य ठहराया गया है। इस फैसले के अनुसार, अब पंचायत का संचालन तब तक एक प्रशासक के अधीन होगा, जब तक कि नए सरपंच का चुनाव नहीं हो जाता।
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यह निर्णय ग्राम पंचायत सदस्य राजकुमार डोमकावडे की शिकायत पर लिया गया। डोमकावडे ने सरपंच और तत्कालीन सचिव के खिलाफ ई-निविदा प्रक्रिया में अनियमितता और मई 2022 में ग्राम सभा न लेने की शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद जिला चंद्रपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉनसन ने मामले की जांच की, जिसमें सरपंच, उपसरपंच और सचिव को महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1958 का उल्लंघन करते पाया गया। इस जांच रिपोर्ट को 29 दिसंबर 2023 को नागपुर विभाग के अपर आयुक्त को सौंपा गया।
जांच के अनुसार, निविदा प्रक्रिया में अनावश्यक शर्तें जोड़कर कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई थी। इसके अतिरिक्त, समय पर ग्राम सभा न लेने के कारण भी सरपंच और उपसरपंच को दोषी ठहराया गया।
सरपंच मंजुषा येरगुडे ने कहा कि उन्हें अब तक कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है और वे कानूनी सलाह ले रही हैं। वहीं, शिकायतकर्ता राजकुमार डोमकावडे ने इस निर्णय पर संतोष व्यक्त किया है, हालांकि उन्होंने निर्णय में हुई देरी पर असंतोष जताया।
इस घटनाक्रम के बाद उर्जानगर में प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी, जो नए सरपंच के चुनाव तक पंचायत का कार्यभार संभालेगा। इस बीच, नए चुनाव के लिए ओबीसी जनरल रिजर्वेशन के अंतर्गत संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।