एक टूटे हुए जीवित विद्युत तार की लापरवाही से एक 60 वर्षीय साइकिल सवार की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना रविवार, 4 मई को शाम करीब 6:30 बजे जगन्नाथ बाबा नगर से आकाशवाणी की ओर जाने वाले मार्ग पर हुई। मृतक प्रभाकर गणपत क्षीरसागर (आयु 60) दाताला निवासी थे और जनता महाविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत थे।
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घटनाक्रम: कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, जगन्नाथ बाबा नगर में ए-65 नंबर के खंभे से गुजरने वाली 11 केवी की उच्च वोल्टेज तार शाम करीब 4:30 बजे टूटकर सड़क पर गिर गई। स्थानीय निवासियों ने तुरंत विद्युत वितरण कंपनी को सूचित किया, लेकिन कर्मचारियों ने न तो बिजली आपूर्ति बंद की और न ही तार को हटाया। हैरानी की बात यह है कि शिकायतकर्ता को शाम 6 बजे एक एसएमएस प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि समस्या का समाधान कर दिया गया है, जबकि तार अभी भी करंटयुक्त थी।
इसी बीच, प्रभाकर क्षीरसागर साइकिल से अपनी शाम की ड्यूटी पर जा रहे थे। अचानक उनकी साइकिल टूटी हुई तार से टकरा गई और 11 केवी के करंट ने उन्हें जकड़ लिया। तेज झटके से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
लापरवाही के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा
घटना की खबर मिलते ही जनविकास सेना के अध्यक्ष एवं वडगाव प्रभाग के पूर्व नगरसेवक पप्पू देशमुख घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने रामनगर पुलिस और विद्युत विभाग के अधिकारियों को तुरंत बुलाया। मृतक के परिजनों और स्थानीय निवासियों ने मुआवजे का लिखित आश्वासन न मिलने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। अंतत: सहायक अभियंता कुणाल पाटील ने लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया।
जनविकास सेना की प्रमुख मांगें
पप्पू देशमुख ने इस घटना को महावितरण कंपनी की जघन्य लापरवाही बताते हुए कहा कि यह एक व्यस्त मार्ग है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों स्कूली बच्चे और पैदल यात्री गुजरते हैं। उन्होंने निम्न मांगें रखीं:
1. महावितरण कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304A (सदोष मनुष्यवध) के तहत केस दर्ज किया जाए।
2. मृतक के परिवार को तत्काल 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
3. नागपुर महानगर क्षेत्र में सभी विद्युत तारों का तुरंत सुरक्षा ऑडिट किया जाए।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अधिकारी सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाते। इस घटना ने एक बार फिर सिस्टम की विफलता को उजागर कर दिया है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि विद्युत विभाग ने आंतरिक जाँच का ऐलान किया है। हालांकि, जनविकास सेना ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के भीतर मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।