महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एक किसान ने फसल की जगह खेत में बीजेपी के झंडे बो दिए। कर्जमाफी और फसल के दाम को लेकर सरकार की उदासीनता के खिलाफ अनोखा विरोध – अब पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में एक किसान ने ऐसा कदम उठाया है, जो अब पूरे राज्य में राजनीतिक बहस का कारण बन गया है। वाशिम जिले के कारंजा तालुका के सुकली गांव के किसान प्रकाश चौधरी ने अपने चार एकड़ के खेत में से तीन एकड़ में फसल की जगह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झंडे “बोए” हैं। उनका यह प्रतीकात्मक विरोध राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार का ध्यान किसानों की दुर्दशा की ओर आकर्षित करने के लिए किया गया है।
प्रकाश चौधरी की माली हालत ऐसी है कि वह पूरी चार एकड़ जमीन पर खेती नहीं कर सकते थे। उन्होंने केवल एक एकड़ में फसल बोई और बाकी जमीन पर भाजपा के झंडों की खेती की। चौधरी का यह कदम एक सवाल बनकर उभरा है – क्या सत्ताधारी पार्टी के झंडे उगाने से ही किसानों की सुध ली जाएगी?
इस अनोखे विरोध प्रदर्शन की गूंज प्रहार जनशक्ती पार्टी के नेता बच्चू कडू की पदयात्रा तक पहुंच गई। कडू ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “अब जब किसान बीजेपी के झंडे बो रहे हैं, तो शायद उन्हें कर्जमाफी भी मिल जाए!” उन्होंने आरोप लगाया कि महायुति सरकार ने सातबारा कोरा करने का वादा तो किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
राजनीतिक सन्देश और किसान की पीड़ा:
प्रकाश चौधरी के इस कदम के पीछे सिर्फ असहायता नहीं, बल्कि एक गहरा राजनीतिक संदेश छिपा है। वह चाहते हैं कि सरकार उनके जैसे किसानों की ओर ध्यान दे, जिन्हें कर्ज, प्राकृतिक आपदाओं, वन्यजीवों के हमलों और बाज़ार में औने-पौने दाम जैसी समस्याओं ने घेर रखा है।
कडू ने यह भी बताया कि जब किसान मेहनत से फसल उगाता है तो उसे वाजिब दाम नहीं मिलते। और जब प्राकृतिक आपदा फसल बर्बाद कर देती है, तो सरकार सहायता देने से कतराती है। इस निराशाजनक स्थिति में चौधरी जैसे किसानों को लगता है कि बीजेपी का झंडा बोना ही शायद सरकार का ध्यान खींचने का एकमात्र रास्ता बचा है।
चौधरी का यह प्रतीकात्मक विरोध केवल एक व्यक्तिगत प्रयास नहीं है – यह ग्राम्य भारत में किसानों के भीतर सुलग रही असंतोष की आग का प्रतीक है। बीजेपी की सत्ता में होते हुए भी अगर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, राहत पैकेज या कर्जमाफी जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए झंडे बोने पड़ें, तो यह लोकतंत्र में मौन विद्रोह का एक नया रूप है।
बच्चू कडू की टिप्पणियां यह संकेत देती हैं कि यह मामला अब सिर्फ स्थानीय विरोध नहीं रह गया, बल्कि आने वाले समय में यह राज्य की राजनीति में चुनावी मुद्दा बन सकता है।
News Title : Vidarbha Farmer Sows BJP Flags in Field, Makes Unique Demand for Loan Waiver
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