महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम चर्चा में है। राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मंत्रियों के कारण महायुती सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के गटनेते विजय वडेट्टीवार के महायुती में शामिल होने और मंत्री बनने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था। लेकिन इन सभी चर्चाओं पर खुद वडेट्टीवार ने विराम लगाते हुए कहा है कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे और किसी भी सूरत में पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
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महायुती में जाने की अटकलों ने पकड़ी थी रफ्तार
महाराष्ट्र के मौजूदा बजट सत्र के दौरान मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद यह चर्चा और तेज हो गई थी कि कुछ बड़े नेता महायुती में शामिल हो सकते हैं। इनमें पूर्व मंत्री छगन भुजबळ और विजय वडेट्टीवार का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा था। खासकर विदर्भ क्षेत्र में उनके समर्थकों के महायुती के नेताओं से करीबी संपर्क की खबरों से यह संभावना और भी बलवती हो गई थी।
वडेट्टीवार ने कहा – ‘मैं कांग्रेस का सिपाही हूं’
लेकिन बुधवार को विजय वडेट्टीवार ने इन सभी अटकलों को सिरे से नकारते हुए स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे। उन्होंने कहा,
“मैं सत्ता में रहूं या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं कांग्रेस का सिपाही हूं और जीवनभर कांग्रेस में ही रहूंगा। कोई भी अफवाह फैलाकर मुझे कमजोर नहीं कर सकता। कभी मेरे बारे में तो कभी जयंत पाटील के बारे में ऐसी बातें फैलाई जाती हैं। लेकिन सवाल यह है कि इस तरह की अफवाहें फैलाने वाला बदमाश और लोफर कौन है?”
उन्होंने आगे कहा,
“मैं एक प्रगतिशील विचारधारा का नेता हूं। मैं भाजपा जैसे सांप्रदायिक दल या उनके सहयोगी दलों में कभी नहीं जा सकता। कांग्रेस और मैं एक साथ हैं और हमेशा साथ रहेंगे। हम तुम जुदा न होंगे!”
राजनीतिक समीकरणों में क्या हो सकता है बदलाव?
हालांकि वडेट्टीवार ने कांग्रेस छोड़ने की संभावनाओं से इनकार कर दिया है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के वर्षों में कई बड़े नेताओं ने पाला बदला है। खासतौर पर अजित पवार, एकनाथ शिंदे और छगन भुजबळ जैसे नेताओं के भाजपा या महायुती के साथ जाने के बाद विपक्षी नेताओं की किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वडेट्टीवार का महायुती में शामिल होना अभी तो असंभव लग रहा है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में समीकरण कब बदल जाएं, यह कहना मुश्किल है। फिलहाल उन्होंने साफ कर दिया है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे और सत्ता या पद के लिए पार्टी से गद्दारी नहीं करेंगे।
विजय वडेट्टीवार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्ध हैं और किसी भी हाल में पार्टी नहीं छोड़ेंगे। यह बयान उन अफवाहों पर विराम लगाता है जो उन्हें महायुती में शामिल होते हुए दिखा रही थीं। अब देखना यह होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या मोड़ आता है और क्या विपक्षी दल इस मुद्दे को सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल करेंगे।