चंद्रपुर जिले के कांग्रेस में बढ़ता आंतरिक कलह किसे से छिपा नहीं है। आये दिन कांग्रेस के नेताओं के भाषण और बयान इस बात को स्पष्टता से रेखांकित करते हैं। इन नेताओं के खिंचतान में आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अड़चनें काफी बढ़ गई है। कौनसे खेमे में रहें और कौनसे खेमे से दूरी बनाएं रखें, इसी जद्दोजहद में आम कार्यकर्ताओं के आपसी मधुर संबंध भी खराब होने लगे हैं।
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नेताओं के विवाद का दुष्परिणाम अब यह है कि कांग्रेस के 2 गुटों के कार्यकर्ता आपस में रंजिश पालने लगे हैं। ऐसे में आगामी चुनावों के मद्देनजर जब यह मामला दिल्ली तक पहुंचा तो कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर और विरोधी दल नेता विजय वडेट्टीवार को अपने कार्यालय में तलब किया। करीब डेढ़ घंटे तक इन दोनों नेताओं की समझाइश की गई। बंद कमरे में ठोस रूप से क्या बात हुई, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आ पायी है। इस संदर्भ में दैनिक मराठी अखबार पुण्यनगरी ने बाकायदा एक खबर प्रकाशित कर मामले को उजागर किया है।
चंद्रपुर कांग्रेस पार्टी में आंतरिक विवाद बढ़ता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद से विजय वडेट्टीवार और सांसद प्रतिभा धानोरकर के बीच शुरू हुआ टकराव विधानसभा चुनाव के करीब आते-आते और भी तीव्र हो गया है। अब यह विवाद दिल्ली दरबार में कांग्रेस नेतृत्व तक पहुंच चुका है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने विजय वडेट्टीवार, प्रतिभा धानोरकर और विधायक सुभाष धोटे को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया, जहां लगभग डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बैठक चली।
विजय वडेट्टीवार और धानोरकर परिवार के बीच की यह खींचतान नई नहीं है। यह विवाद पूर्व सांसद बालू धानोरकर के जीवित रहते शुरू हुआ था और अभी तक सुलझने के कोई संकेत नहीं हैं। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में यह विवाद अपने चरम पर पहुंच गया था, जब वडेट्टीवार ने अपनी बेटी शिवानी के लिए चंद्रपुर से लोकसभा टिकट पाने के लिए कड़ी लॉबिंग की थी। इसके चलते प्रतिभा धानोरकर को दिल्ली में आखिरी समय तक उम्मीदवार तय होने का इंतजार करना पड़ा था। हालांकि, प्रतिभा धानोरकर ने लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की, जिससे उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया है।
लोकसभा चुनावों के दौरान उत्पन्न हुई यह खींचतान अब विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी के लिए सिरदर्द बनती दिख रही है। धानोरकर परिवार और वडेट्टीवार के समर्थकों के बीच का यह संघर्ष पार्टी की संगठनात्मक एकता को नुकसान पहुंचा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में भी इस विवाद की वजह से विभाजन की स्थिति पैदा हो गई है। इस कारण कार्यकर्ता एक दूसरे से दूरी बनाए रखने को मजबूर हो गए हैं, जो पार्टी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने हाल ही में सार्वजनिक सभाओं में दिए गए बयानों से पार्टी नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया है। उन्हें लेकर शिकायतें पार्टी के हाईकमान तक पहुंच गई हैं। इस कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने पार्टी के तीनों प्रमुख नेताओं – विजय वडेट्टीवार, प्रतिभा धानोरकर और सुभाष धोटे – को दिल्ली में बुलाकर बैठक की। इसमें इन नेताओं को आंतरिक विवाद को सुलझाने की सख्त हिदायत दी गई है, ताकि विधानसभा चुनावों में पार्टी को नुकसान न हो।
इस बीच, 23 सितंबर को चंद्रपुर और गडचिरोली जिलों की समीक्षा बैठक प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्नीथला की अध्यक्षता में चंद्रपुर में होगी। बैठक के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जिससे यह साफ है कि पार्टी नेतृत्व अब इस विवाद को गंभीरता से ले रहा है।
यह विवाद न सिर्फ कांग्रेस की संगठनात्मक ताकत को कमजोर कर रहा है, बल्कि चुनावी रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है। लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के बावजूद प्रतिभा धानोरकर और विजय वडेट्टीवार के बीच की खींचतान का विधानसभा चुनाव पर सीधा असर पड़ने की संभावना है।
Chandrapur Congress Infighting Escalates as National General Secretary KC Venugopal Summons Vijay Wadettiwar and Pratibha Dhanorkar”