पिछले दो वर्षों से अधूरा पड़ा पुल, ग्रामीणों और विद्यार्थियों को करनी पड़ रही है मुश्किलों का सामना
कोरपना तहसील के खैरगाव मार्ग पर निर्माणाधीन एक पुल बीते 2 वर्षों से अधूरा है। इस पुल के निर्माण में हो रही देरी के कारण परिसर के हजारों नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर इस अधूरे पुल से बच्चों और नागरिकों की जान जोखिम में है। स्कूल के लिए आवागमन करने वाले नन्हें बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। यहां से पैदल गुजरना भी खतरनाक बन गया है।
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बताया जाता है कि चंद्रपुर जिले के कोरपना तहसील के कवठाला से आवारपुर को जोड़ने वाले 7 किलोमीटर लंबे रास्ते पर खैरगांव के पास स्थित नाले पर पुल का निर्माण कार्य पिछले दो वर्षों से चल रहा है। पुल का अधिकांश काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन एक ओर से सड़क को पुल से जोड़ने वाले रपटे का निर्माण अब तक अधूरा है। इसके चलते बारिश के मौसम में इस मार्ग से आवागमन संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे स्थानीय नागरिकों और विद्यार्थियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
खैरगांव और आसपास के गांवों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की कमी के कारण, यहां के बच्चों को शिक्षा के लिए नांदा फाटा जाना पड़ता है। लेकिन इस अधूरे पुल और खराब सड़कों के चलते, बस और अन्य वाहनों का आवागमन भी मुश्किल हो गया है। बच्चों को स्कूल तक पहुँचाने के लिए अभिभावकों को उन्हें अधूरे पुल तक पैदल ले जाना पड़ता है। वहां से किसी अन्य वाहन के जरिए उन्हें स्कूल पहुँचाया जाता है। बारिश के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि अस्थायी रपटे पर कीचड़ और पानी जमा हो जाता है, जिससे वाहन निकालना तो दूर, पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुल के अधूरे निर्माण के कारण उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। “क्या हमारे बच्चों को शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए?” इस सवाल के साथ वे पुल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराने की मांग कर रहे हैं। पुल और सड़क के इस अधूरे काम की वजह से शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य तीनों पर असर पड़ रहा है। अभिभावक और ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या को गंभीरता से लेने और इसे जल्द से जल्द हल करने की अपील की है।
ग्रामीणों के अनुसार, अगर यह काम जल्द पूरा नहीं हुआ, तो आगामी समय में यह एक बड़ी समस्या का रूप ले सकता है।