राजनीति की रस्साकशी अब परिवार के भीतर भी कलह का कारण बनती हुई दिखाई पड़ रही है। कांग्रेस के पूर्व सांसद स्व. बालू धानोकर के निधन के बाद उनकी उत्तराधिकारी प्रतिभा धानोरकन ने सांसद बनते ही चंद्रपुर जिले के 6 विधानसभाओं की टिकट किसे बांटना है, यह वह तय करेगी वाला बयान दिया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्व. बालू धानोकर के बड़े भाई अनिल धानोरकर (Anil Dhanorkar) को किनारा कर, सांसद प्रतिभा धानोरकर (MP Pratibha Dhanorkar) के भाई प्रवीण काकडे (Pravin Kakde) को आगामी विधानसभा चुनावों ( Maharashtra Assembly Elections 2024) में भद्रावती-वरोरा के कांग्रेस सीट (Congress Candidate) पर उम्मीदवारी देने की हलचल शुरू होने की जानकारी है। इस बीच अनिल धानोरकर ने किसी ने सूरत में यह चुनाव लड़ने का फैसला लेकर अपनी बहू व सांसद प्रतिभा धानोरकर समेत उनके भाई प्रविण काकडे को सकते में डाल दिया है। अनिल धानोरकर के इस फैसले से धानोरकर परिवार के भितर का मनमुटाव अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे संबंधित अनेक खबरें बीते सप्ताह भर से डिजिटल मीडिया पर झलकने लगी है।
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लोकसभा चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनावों की तैयारी तेज हो गई है। विधानसभा चुनावों की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस में इच्छुक उम्मीदवारों की भीड़ नजर आ रही है। जिले के वरोरा-भद्रावती विधानसभा क्षेत्र (Bhadravati-Warora Assembly Constitution) में भी कई दिग्गज चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस नेता अनिल धानोरकर ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।
अनिल धानोरकर ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो भी वे चुनावी मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि उनके सभी विकल्प खुले हैं और अन्य पार्टियां भी उनके संपर्क में हैं। अनिल धानोरकर भद्रावती नगर परिषद के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं और शिवसेना के पूर्व जिला अध्यक्ष भी रहे हैं।
अनिल धानोरकर अब वरोरा विधानसभा सीट के लिए इच्छुक हैं और वे दिवंगत कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर के सगे बड़े भाई हैं। हालांकि, सांसद प्रतिभा धानोरकर उनके भाई प्रवीण काकडे को वरोरा विधानसभा में टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। अब अनिल धानोरकर द्वारा चुनाव लड़ने की घोषणा के कारण, टिकट वितरण में बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। अनिल धानोरकर ने कहा कि उनके द्वारा किए गए कामों का हमेशा चुनावी परिणाम पर सकारात्मक असर पड़ा है। वे कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में सबसे मजबूत दावेदार मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें टिकट मिला तो ही कांग्रेस जीत सकेगी, अन्यथा सीट गंवानी पड़ेगी। इसलिए, कांग्रेस को उन्हें ही टिकट देना पड़ेगा।
इस बीच, प्रवीण काकडे को टिकट दिलाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन अनिल धानोरकर के कड़े बयान के चलते कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के घर में ही चुनावी संघर्ष देखने को मिल सकता है। वरोरा नगर परिषद के अध्यक्ष अहेतेशाम अली भी इस सीट के लिए इच्छुक हैं और उनके नाम को अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में आगे रखा जा रहा है। इस पर विचार-विमर्श जारी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वरोरा-भद्रावती विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से किसे टिकट मिलता है।