महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा ‘चिल्लर माणूस’ कहे जाने वाले और छत्रपति शिवाजी महाराज व छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को धमकी देने वाला फरार आरोपी प्रशांत कोरटकर पुलिस को चकमा देकर फरार है। कोल्हापुर पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में चंद्रपुर पहुंची है। जांच में सामने आया है कि इस माह (मार्च) के पिछले सप्ताह के बीच कोरटकर पुलिस मुख्यालय के सामने स्थित प्रसिद्ध होटल में ठहरा था, पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं और मामले की जांच जारी है।
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चौंकाने वाली बात यह है कि वहां पुलिस विभाग का एक वरिष्ठ अधिकारी भी उससे मिलने पहुंचा था। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि ‘चिल्लर’ कोरटकर के फरारी की पटकथा आखिर किसने लिखी?
पुलिस सुरक्षा के बावजूद फरार!
नागपुर स्थित कोरटकर के घर को पुलिस सुरक्षा दी गई थी। इसके बावजूद 25 फरवरी को वह रहस्यमय तरीके से फरार हो गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कोरटकर को ‘चिल्लर’ इंसान कहा था, लेकिन यह ‘चिल्लर’ अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।
खबरों के मुताबिक, कोल्हापुर सत्र न्यायालय ने उसके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया, जिससे उसकी गिरफ्तारी की संभावनाएं तेज हो गई हैं। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब उसे अंतरिम जमानत मिली थी, तब भी उसने पुलिस के सामने पेश होकर अपनी सफाई क्यों नहीं दी?
भाजपा नेताओं और पुलिस विभाग में गहरी पैठ!
कोरटकर का मामला अब सत्तारूढ़ दल के लिए गले की फांस बन गया है। आरोप है कि उसके बीजेपी नेताओं से गहरे संबंध हैं, और यही वजह है कि उसे बचाने की कोशिशें की जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चंद्रपुर में उसके एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मुलाकात करने की खबरें भी सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि यह अधिकारी अपनी पोस्टिंग को लेकर कोरटकर से मदद मांग रहा था। इतना ही नहीं, कोरटकर पर पुलिस अधिकारियों के तबादलों की ‘डीलिंग’ करने का भी आरोप है।
अब कब तक बचेगा कोरटकर?
कोल्हापुर कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद पुलिस की कार्रवाई तेज होने की उम्मीद है। लेकिन सवाल ये भी उठता है कि अगर कोरटकर को पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों और नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, तो क्या उसकी गिरफ्तारी इतनी आसान होगी?
अब देखना होगा कि कानून का शिकंजा इस ‘चिल्लर’ पर कब और कैसे कसता है, या फिर यह मामला भी राजनीति और प्रशासनिक मिलीभगत की भेंट चढ़ जाएगा!