बुद्ध पूर्णिमा की पावन रात को 🔍ताड़ोबा टाइगर रिजर्व के कोअर और बफर जोन में वन्यप्राणियों की परंपरागत गणना का आयोजन किया गया है। यह गणना सोमवार शाम 6 बजे से लेकर मंगलवार सुबह 6 बजे तक 12 घंटे तक चलेगी। ताड़ोबा प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बफर जोन में 81 और कोअर जोन में 95 मचानियों की स्थापना की गई है। बफर जोन में 244 प्रकृतिप्रेमी, वन अधिकारी और कर्मचारी गणना में भाग लेंगे, जबकि कोअर जोन में यह कार्य केवल वनविभाग के प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी ही करेंगे।
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🔍बुद्ध पूर्णिमा की रात को पूर्णिमा का चंद्रमा आसमान में चमकता है, जिससे जंगल में स्पष्ट चांदनी फैलती है। इस प्रकाश में वन्यप्राणियों की गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिससे उनकी गणना करना आसान हो जाता है। साथ ही, मई की गर्मी के कारण वन्यप्राणी जलस्रोतों के पास ज्यादा देखे जाते हैं।
प्राकृतिक आनंद और जागरूकता का संगम:
यह पूरी प्रक्रिया केवल आंकड़े जुटाने के लिए होती है, इससे कोई आधिकारिक वन्यप्राणी संख्या घोषित नहीं की जाती। इसका मुख्य उद्देश्य है निसर्गप्रेमियों में वन्यजीवों के प्रति आत्मीयता और जागरूकता का विकास करना। बफर जोन में गणना के लिए 162 पर्यटकों ने ऑनलाइन पंजीकरण किया है। उन्हें शाम 5:30 बजे तक मचानियों तक पहुंचाया जाएगा। प्रत्येक मचानी पर दो पर्यटक और एक गाइड रहेंगे।
कोअर जोन में प्रवेश वर्जित:
कोअर जोन को अति-संवेदनशील घोषित किया गया है। इसलिए वहां सिर्फ वन विभाग के 183 अधिकारी और कर्मचारी ही गणना करेंगे। पर्यटकों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। वन विभाग ने सभी गणनाकर्ताओं के लिए आवश्यक सामग्री और सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए हैं।
तपती गर्मी में प्राणियों का पानी के लिए संघर्ष:
इन दिनों 🔍चंद्रपूर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है। ऐसे में वन्यप्राणी पानी की तलाश में जलस्रोतों की ओर जाते हैं, जिससे पर्यटकों को उन्हें पास से देखने का दुर्लभ अवसर मिलेगा। ये सभी मचानियाँ जलस्रोतों के पास लगाई गई हैं — चाहे वो कृत्रिम हों या प्राकृतिक।
स्वयंपूर्ण व्यवस्था:
प्राकृतिक अनुभव में भाग लेने वाले सभी पर्यटक अपना भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं स्वयं लेकर आएंगे। उनकी सुरक्षा हेतु वन अधिकारी हर मचानी के पास उपस्थित रहेंगे।
बुद्ध पूर्णिमा की रात को ताड़ोबा में आयोजित यह वन्यजीव गणना न केवल एक वैज्ञानिक अभ्यास है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों को जंगल के जीवन से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव भी है। जंगल की नीरवता, चांदनी की रौशनी और वन्यजीवों की आवाजाही इस रात को रोमांचक और अविस्मरणीय बना देती है।