Woman Smashes EVM in Bhadravati, Demands Elections via Ballot Paper, Calls to Save the Constitution, Warora Assembly
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- “ईवीएम हटाओ, संविधान बचाओ” का नारा लगाते हुए उठाई पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग
- पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया, मतदान प्रक्रिया आधे घंटे तक रुकी रही
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के भद्रावती में जिला परिषद स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बहुजन मुक्ति पार्टी की कार्यकर्ता लता शिंगाड़े ने बूथ नंबर 309 पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) तोड़ते हुए “ईवीएम हटाओ, संविधान बचाओ” का नारा लगाया।
यह घटना मतदान के दौरान दोपहर करीब 3:30 बजे हुई। शिंगाड़े ने ईवीएम के बजाय बायलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना के कारण मतदान प्रक्रिया लगभग आधे घंटे तक बाधित रही।
घटना का विवरण:
लता शिंगाड़े जिला परिषद स्कूल में बने मतदान केंद्र पर पहुंची और अचानक ईवीएम मशीन को निशाना बनाते हुए उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने नारेबाजी करते हुए बायलेट पेपर से मतदान प्रक्रिया को अपनाने की मांग की।
वहां मौजूद मतदान अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला को पकड़ा और पुलिस को सूचित किया। भद्रावती पुलिस स्टेशन के निरीक्षक अमोल कचोले अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शिंगाड़े को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू की।
घटना का प्रभाव:
ईवीएम तोड़फोड़ की इस घटना के चलते मतदान प्रक्रिया कुछ देर के लिए बाधित हुई, जिससे वहां मौजूद मतदाताओं को असुविधा हुई। हालांकि, स्थिति को नियंत्रित करने के बाद मतदान प्रक्रिया पुनः शुरू कर दी गई।
यह घटना भारत में ईवीएम के उपयोग और पारदर्शिता को लेकर चल रही बहस को फिर से उजागर करती है। जहां एक ओर कुछ दल और नेता ईवीएम को चुनावों के लिए सुरक्षित मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कई संगठन और कार्यकर्ता पारदर्शिता की कमी और संभावित गड़बड़ियों का हवाला देते हुए बायलेट पेपर की मांग कर रहे हैं।
लता शिंगाड़े का यह कदम उनके संविधान और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के प्रति जागरूकता को दिखाता है, लेकिन कानून को हाथ में लेना सही नहीं ठहराया जा सकता। अब पुलिस और चुनाव आयोग इस मामले की जांच कर रहे हैं, जिससे दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बहस को गरम कर दिया है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे और मतदाताओं को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करनी होगी।